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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को लेकर सरकार प्रतिबद्ध, प्रक्रिया पर काम जारीः पर्रिकर

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2015 में रक्षा सेनाओं से जुड़े सत्र में मौजूद रहे देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर. उनके साथ थे पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह.

सौरभ द्विवेदी
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2015 में रक्षा सेनाओं से जुड़े सत्र में मौजूद रहे देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर. उनके साथ थे पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह.

इस दौरान मॉडरेटर गौरव सावंत के एक सवाल के जवाब में पर्रिकर ने कहा कि सरकार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति को लेकर प्रतिबद्ध है. सरकार इसका फुलप्रूफ मैकेनिज्म तैयार कर रही है. पर्रिकर ने कहा कि तीनों सेनाओं में बेहतर समायोजन और सेना-सिविल स्ट्रक्चर के बीच बेहतर संयोजन पर भी सरकार समयबद्ध तरीके से काम कर रही है.

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सेना तैयारियों पर पर्रिकर सरल भाषा में एक ही बात बोले. अगर आज मजबूत रहेंगे तो सड़क हो या सीमा, कोई आपको तंग नहीं करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी के साथ अच्छे रिश्तों से बेहतर कोई बात नहीं हो सकती. मगर अच्छे रिश्तों के लिए आपका मजबूत और तैयार होना भी जरूरी है.

चर्चा में हिस्सा लेते हुए जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि भारतीय सेना लगातार युद्ध लड़ रही है. कश्मीर में. नॉर्थ ईस्ट में. उन्होंने कहा कि जंग के और सैन्य तरीकों के भी राजनीतिक निहितार्थ होते हैं. जनरल ने कहा कि भारतीय सेना को कई तरह की दिक्कतें हैं, मगर मौजूदा सरकार इन पर तेजी से काम कर रही है.

हेलिकॉप्टर दुर्घटना से जुड़े एक सवाल पर पर्रिकर बोले कि तमाम मशीनों को तकनीकी दृष्टि से बेहतर बनाया जा रहा है. नए उपकरण लाए जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने आंकड़ों का उदाहरण देकर समझाया कि इस तरह की दुर्घटनाओं में कमी आई है.

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बोफोर्स का प्रचार
बोफोर्स के जिक्र पर राजनीतिक चुटकी लेते हुए पर्रिकर बोले कि कंपनियां अपने नाम के प्रचार के लिए करोड़ों खर्च करती हैं. भारत में बोफोर्स ने इस काम के लिए पाई भी खर्च नहीं की और बच्चा बच्चा उसे जान गया. इस चुटकी के बाद गंभीरता बरतते हुए पर्रिकर बोले रक्षा सेवा में सुधार के लिए ईमानदारी के साथ ही दृढ़ इच्छाशक्ति और लालफीताशाही से मुक्त तेज प्रोसेस की जरूरत है. उन्होंने कहा कि एक बार पूरा विचार विमर्श कर लेने के बाद मैं फैसला करने से झिझकता नहीं. चाहे जो भी नतीजे हों बाद में. Conclave15: चेतन बोले- हिंदी मां है, इंग्लिश ...

मेक इन इंडिया
डिफेंस में मेक इन इंडिया के सवाल पर पर्रिकर बोले कि लोग निश्चिंत रहें, इस पूरी पहल से रक्षा क्षेत्र को फायदा ही होगा नुकसान नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मामलों में 100 फीसदी तक एफडीआई की भी संस्तुति की जा सकती है. जरूरत पड़ी तो कंपनियों को एक तय समय के लिए खरीद गारंटी भी दी जा सकती है.

दुश्मन नंबर 1 चीन
चीन से जुड़े सवाल पर पर्रिकर ने अपना एक किस्सा सुनाया. उन्हीं के शब्दों में, गोवा में मेरा एक पड़ोसी बहुत आवाज करता था. मेरा छोटा परिवार था. मैं आईआईटी मुंबई में पढ़ रहा था. घर पर मां रहती थी. पड़ोसी शराब पीकर आता और अगल बगल चिल्लाता. मैं छुट्टी में आया और पता चलने पर उससे बात की. साथ में ढाबे वालों से भी कहा. इसे पीने के बाद फौरन मत जाने दिया करो. हालात में कुछ सुधार हुआ. बात साफ है. आप पड़ोसी नहीं बदल सकते. मगर उनसे निपटने के बेहतर तरीके ईजाद कर सकते हैं. पर्रिकर ने ताकत के महत्व को समझाते हुए यह भी बताया कि जब मैं सीएम बन गया, तो एक इंस्पेक्टर ने उसको जाकर डांटा. 10 बजे के बाद शोर नहीं होना चाहिए. मुझे इसका पता नहीं चला, मगर पड़ोसियों को राहत मिल गई.

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पर्रिकर ने कहा कि सीमाओं पर पुख्ता तैयारियों के लिए सरकार तेजी से फैसले ले रही है. प्रोजेक्ट्स की कड़ी निगरानी की जा रही है. साथ ही मुश्किलों का व्यावहारिक हल तेजी से निकाला जा रहा है.

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