
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आशंका जाहिर है कि जुलाई 2014 में भारतीय वायु सेना के रेकॉर्ड रूम में लगी आग की घटना चॉपर डील स्कैम से जुड़ी हो सकती है. मंत्री ने कहा कि उस 'रहस्यमई आग' का मकसद अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम से जुड़ी फाइलों को नष्ट करना हो सकता है. पर्रिकर ने कहा कि मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए जाएंगे.
गौरतलब है कि 3 जुलाई 2014 को मोदी सरकार के सत्ता में आने के महज आठ दिनों के भीतर यह आग लगी थी. शुक्रवार को रक्षा मंत्री ने लोकसभा में बताया कि हेलीकॉप्टर सौदे से जुड़ी तीन फाइलें सौभाग्य से बच गईं, क्योंकि वे संवेदनशील होने की वजह से एक अधिकारी के लॉकर में बंद थीं.
मनोहर पर्रिकर ने कहा, 'सीबीआई नई दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय के रेकॉर्ड रूम 'एयरपोर्ट-2' में 3 जुलाई 2014 को लगी आग की जांच करेगी. पता लगाया जाएगा कि कहीं इसके पीछे फाइल जलाने की साजिश तो नहीं थी.' बताया जाता है कि ये फाइलें तीन AW-101 हेलिकॉप्टर की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े करती है. अगस्ता डील के तहत 12 हेलीकॉप्टर के सौदे के पहले खेप के तौर पर तीन हेलीकॉप्टरों को शामिल किया गया था.
श्रीनगर में हुआ था ट्रायल
बता दें कि श्रीनगर में हुए ट्रायल के बाद जनवरी 2014 में आखिरकार इस सौदे को रद्द कर दिया गया. फाइलों के हवाले से पर्रिकर ने बताया कि पावर और भार उठाने की क्षमता के लिहाज से श्रीनगर में इन हेलीकॉप्टर्स का परफॉर्मेंस बेहद खराब रहा था.
'जो बोफोर्स में नहीं हुआ, अगस्ता में होगा'
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने लोकसभा में अगस्ता केस को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि वह चॉपर डील में इस बात का पता लगाकर रहेंगे कि रिश्वत का पैसा कहां और किसके पास गया. यही नहीं, उन्होंने कहा कि जो काम बोफोर्स के समय नहीं हो सका, वह अगस्ता मामले में होगा.
पर्रिकर वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में संसद में बयान दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, 'मेरे पास ईडी और सीबीआई नहीं है, लेकिन मैं फिर भी इस मामले को देख रहा हूं. जो काम हम बोफोर्स के दौरान नहीं कर सके, अगस्ता मामले में करेंगे.'