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दिल्ली के अस्पतालों के बहाने मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार पर कसा तंज

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 'हेल्थ फॉर आल' के तहत फ्री सर्जरी योजना को लागू कर दिया है. यह योजना राजधानी दिल्ली के सभी प्राइवेट अस्पतालों में शुरू की गई है. इसे लेकर बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर तंज कसा. बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा इस तरह की वैकल्पिक स्वास्थ्य सेवायें अपनी सरकार के नित नये सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए एक छलावा मात्र हैं.

मनोज तिवारी मनोज तिवारी
रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली.,
  • 08 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 'हेल्थ फॉर आल' के तहत फ्री सर्जरी योजना को लागू कर दिया है. यह योजना राजधानी दिल्ली के सभी प्राइवेट अस्पतालों में शुरू की गई है. इसे लेकर बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर तंज कसा. बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा इस तरह की वैकल्पिक स्वास्थ्य सेवायें अपनी सरकार के नित नये सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए एक छलावा मात्र हैं.

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मनोज तिवारी ने कहा कि ये वही लोग हैं जो सरकार बनने से पहले दिल्ली के सारे सरकारी अस्पतालों को एम्स जैसा बनाने का दावा करते थे लेकिन कुछ भी न कर पाए. सरकार ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में भी फ्री सर्जरी योजना शुरू की गई है. ऐसे में मनोज तिवारी पूछते हैं कि सरकार ने जिन अस्पतालों और जांच केन्द्रों को सूची बद्ध किया है क्या उनसे कोई बातचीत और समझौता किया गया है. वे पूछते हैं कि क्या निजी अस्पतालों में सर्जरी के लिए कॉमर्शियल रेट लिया जाता है. किसी भी सरकार के लिए उन दरों पर भुगतान करना व्यवहारिक नहीं हो सकता ऐसे में सरकार बताए कि वह किस तरह लोगों का इलाज करवाएगी.

मनोज तिवारी सरकार से पूछते हैं कि जनता को बताया जाए कि क्या उन्हें निजी अस्पतालो में ऑपरेशन के लिए भेजा जायेगा तो शेष इलाज सरकारी अस्पताल में होगा कि निजी अस्पताल में होगा? इसी तरह ऑपरेशन के बाद होने वाली देखरेख की जिम्मेदारी निजी अस्पताल की होगी या फिर सरकारी अस्पताल की और यदि सरकारी अस्पताल द्वारा किसी निजी अस्पताल में भेजे मरीज के साथ कोई स्वास्थ्य हानि होती है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?  

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मनोज तिवारी ने सवाल उठाए कि आखिर आम आदमी पार्टी द्वारा अपने चुनावी घोषणा-पत्र में 900 नये प्राइमरी हेल्थ सेंटर, सरकारी अस्पतालों में 30,000 नए बिस्तर जिनमें कि 4,000 बिस्तर जच्चा-बच्चा के लिए होने थे और प्रत्येक 1,000 व्यक्तियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पांच बिस्तर के इंतजाम वाले वायदे का क्या हुआ?

वे कहते हैं कि केजरीवाल सरकार प्रशासन के अन्य कार्यों की तरह स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भी दिल्ली की जनता का विश्वास पूरी तरह खो चुकी है. निजी अस्पतालों के नाम का छलावा भी मोहल्ला क्लीनिक, स्वाइन फ्लू क्लीनिक, डेंगू क्लीनिक और मुफ्त दवाओं जैसा ही है.

 

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