
बीजेपी के विधायक और बीजेपी के दिग्गज नेता रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है. दरअसल, उन्होंने बाड़मेर के पचपदरा में स्वाभिमान रैली की. इस रैली में उन्होंने बीजेपी से खुली बगावत का एलान कर दिया. मानवेंद्र सिंह ने मंच से एलान किया- 'हमारी एक ही भूल, कमल का फूल.'
साफ है कि अब बीजेपी और मानवेंद्र का रास्ता अलग हो गया है. मानवेंद्र सिंह वैसे तो वसुंधरा राजे से तब से नाराज चल रहे थे जब से उनके पिता जसवंत सिंह का टिकट बाड़मेर लोकसभा सीट से काटा गया था. लेकिन चुनाव से दो महीने पहले इस तरह से राजपूतों की रैली कर मानवेंद्र के बीजेपी विरोध के एलान से बीजेपी के लिए बाड़मेर में संकट खड़ा हो गया है.
स्वाभिमान रैली में बोलते हुए मानवेंद्र सिंह की पत्नी चित्रा सिंह ने कहा कि हमें इस रैली से वसुंधरा राजे तक यह आवाज पहुंचा देनी है कि अब वह महज दो महीने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता से उखाड़ फेंकना है.
पचपदरा रैली में सभी वक्ताओं ने वसुंधरा सरकार पर प्रहार किया. रैली में जिस तरह से भीड़ जुटी थी वह बीजेपी के लिए ठीक संकेत नहीं है. इस रैली में भावुक अपील की गई कि जसवंत सिंह के जो हालात बने हैं उसके लिए कहीं न कहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जिम्मेदार हैं और हमें इसका बदला लेना है.
माना जा रहा है कि मानवेंद्र सिंह कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे, लेकिन इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनता जो कहेगी वह करेंगे. जनता के इरादों और भावनाओं के साथ चलेंगे. अभी तक मानवेंद्र सिंह खुलकर बीजेपी के खिलाफ नहीं बोल रहे थे और कह रहे थे कि स्वाभिमान रैली में अपना पक्ष साफ करेंगे. लेकिन आज साफ साफ कर दिया है कि बीजेपी के साथ नहीं है और वसुंधरा राजे सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए काम करेंगे यानी अब मानवेंद्र सिंह कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं.हालांकि कांग्रेस के नेता इस मामले पर बड़े सधे हुए स्वर में बोल रहे हैं. उनका कहना है कि जो भी कांग्रेस की विचारधारा के साथ आना चाहेगा, उसका हम स्वागत करेंगे.
रैली खत्म होते ही हुआ हंगामा
मानवेंद्र सिंह की रैली में भीड़ तो आई लेकिन रैली खत्म होते ही राजपूतों में दो फाड़ हो गए. करणी सेना के लोग मानवेंद्र सिंह को घेर कर नारेबाजी करने लगे. हालात बिगड़ते देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर करणी सेना को वहां से भगाया और मानवेंद्र सिंह को वहां से निकाला. मानवेंद्र सिंह बाद में अपनी गाड़ी छोड़ पत्रकारों की गाड़ी में बैठ बच कर निकले. पीछे- पीछे करणी सेना की भीड़ मानवेंद्र के खिलाफ नारेबाजी कर दौड़ रही थी.
करणी सेना के नेता नहीं थे मंच पर
करणी सेना का कहना था कि मानवेंद्र की रैली में भीड़ उनकी वजह से जुटी थी. लेकिन करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और हरियाणा के करणी सेना के नेता अम्मू को मंच पर नहीं बुलाया गया. जैसे ही रैली खत्म हुई बैरिकेड तोड़ कर नारेबाजी करते हुए करणी सेना के कार्यकर्ता मंच की तरफ लपके.
उसके बाद मानवेंद्र को घेर कर नारेबाजी करने लगे. हालात तनावपूर्ण हो गया था ऐसे में पुलिस ने किसी तरह से मानवेंद्र को वहां से बचा कर निकाला. इस पूरे मामले पर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि हमने उन्हें नहीं बुलाया था. ये हमारी रैली थी इसलिए हमने मंच पर नहीं बुलाया जबकि करणी सेना का कहना था कि मानवेंद्र की सभा में उनकी वजह से राजपूतों के भीड़ आई थी वरना मानवेंद्र सिंह के साथ भीड़ नहीं है.