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सावधान...! दिल्ली में घूम रहा है 'स्किमर गैंग'

सरहद पर जान की बाजी लगाकर हर वक्त देश की सुरक्षा करने वाले जवान अब ठगी का शिकार हो रहे हैं. ठगी भी ऐसी जिसका कोई सुराग नहीं. राजधानी दिल्ली में जवानों को ठगने की ऐसी ही कुछ घटनाएं सामने आई है. जिसकी पड़ताल करते वक्त पुलिस के भी होश उड़ गए हैं. फिलहाल पुलिस इस मामले की बारीकी से पड़ताल कर रही है.

पुलिस इस गैंग को शिद्दत से तलाश रही है पुलिस इस गैंग को शिद्दत से तलाश रही है
परवेज़ सागर/नितिन जैन
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

सरहद पर जान की बाजी लगाकर हर वक्त देश की सुरक्षा करने वाले जवान अब ठगी का शिकार हो रहे हैं. ठगी भी ऐसी जिसका कोई सुराग नहीं. राजधानी दिल्ली में जवानों को ठगने की ऐसी ही कुछ घटनाएं सामने आई है. जिसकी पड़ताल करते वक्त पुलिस के भी होश उड़ गए हैं. फिलहाल पुलिस इस मामले की बारीकी से पड़ताल कर रही है.

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सेना के अफसरों, जवानों को बनाया निशाना
राजधानी दिल्ली में सेना के जवानों और अधिकारियों को ठगे जाने की एक नहीं, दो नहीं बल्कि कई वारदातें सामने आई हैं. पुलिस की शुरूआती पड़ताल में जवानों को ठगने वाले एक 'स्किमर गैंग' का खुलासा हुआ है. दरअसल, कुछ वक्त से दिल्ली पुलिस को भारतीय सेना के अफसरों से लेकर जवानों तक के साथ हुई धोखाधड़ी की कई शिकायतें मिली हैं. जिसमें कोई उनके बैंक अकाउंट से उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई साफ कर रहा है. उन्हें इस बात का पता तब चलता है, जब वे अपना अकाउंट स्टेटमेंट निकलवाते हैं.

मेहनत की कमाई पल भर में साफ
ऐसे ही सेना के एक जवान विजय ने भी उसके साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत दिल्ली कैंट थाने में दी. विजय ने बताया कि वो पिछले 9 सालों से देश की सेवा कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने एक-एक रूपया जोड़कर करीब दो लाख रुपये की अपने सैलरी अकाउंट में बचत की थी. 1 जुलाई को जब वो अपने अकाउंट से पैसे निकालने गए तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. इनकी मेहनत की कमाई पर कोई हाथ साफ कर गया था. जबकि विजय का एटीएम कार्ड उनके पास ही था.

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पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि विजय ही नहीं बल्कि सेना के कई अफसरों और जवानों के साथ भी ऐसा ही हुआ है. पड़ताल आगे बढ़ी तो पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए. दरअसल 24-25 जून की रात विजय के अकाउंट से पैसे निकाले गए थे. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखा तो उसमें दो संदिग्ध नजर आए. हैरान करने वाली बात ये थी कि विजय का एटीएम कार्ड तो उन्हीं के पास था तो फिर ये दोनों शख्स विजय के अकाउंट से पैसे कैसे निकाल ले गए.

महंगे होटलों में खाया खाना और की शॉपिंग
बदमाशों ने विजय और बाकी जवानों के पैसों से महंगे होटलों में खाना खाया और खरीददारी भी की थी. इस पूरे मामले में पुलिस के सामने कई सवाल थे. आखिर दोनों बदमाशों ने बिना एटीएम कार्ड चुराए कैसे अफसरों और जवानों के साथ इस वारदात को अंजाम दिया. हर ट्रांजैक्शन के बारे में उन्हें क्यों नहीं पता चला. साथ ही ये गिरोह आखिर भारतीय सैनिकों के ही पीछे क्यों पड़ा है.

वारदात के लिए 'स्किमर डिवाइस' का इस्तेमाल
दरअसल दिल्ली पुलिस की तफ्तीश जब आगे बढ़ी तो पुलिस को पता चला कि इन बदमाशों ने दिल्ली कैंट के एक एटीएम पर 'स्किमर डिवाइस' लगाया था. 'स्किमर डिवाइस' एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता जो बिल्कुल एटीएम के भीतर कार्ड इंसर्ट मशीन की तरह दिखता है. इस डिवाइस को एटीएम के कार्ड इंसर्ट मशीन के ऊपर लगा दिया जाता है. इसके बाद जैसे ही कोई अपना कार्ड इसमें डालता है तो ये 'स्किमर डिवाइस' उस कार्ड की जानकारी सेव कर लेता है. साथ ही बदमाश एटीएम के अंदर एक हिडन कैमरा भी लगा देते है जिससे वो पासवर्ड भी देख लेते है.

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आखिर सेना के जवान ही क्यों
उसी जानकारी का इस्तेमाल कर ये 'स्किमर गैंग' नए एटीएम कार्ड बना लेता है. फिर उन एटीएम कार्ड से कैश निकाल लेता है या फिर शॉपिंग करता है. सवाल ये भी उठता है कि हर ट्रांजैक्शन के बाद जवानों को उसका मैसेज क्यों नहीं मिलता. दरअसल सेना की नौकरी में ट्रांसफर और पोस्टिंग के ठिकाने बदलते रहते है. अक्सर जहां उनकी पोस्टिंग होती है या तो वहां सिग्नल नहीं आते है या फिर सुरक्षा कारणों से वो मोबाइल अपने साथ नहीं रख पाते. इसी बात का फायदा उठाकर ये गैंग सेना के जवानों को निशाना बना रहा है.

अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन बदमाशों को सलाखों के पीछे डालने की है. फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज से मिले संदिग्ध चेहरों की तलाश में सरगर्मी से जुटी है. साथ ही पुलिस इस 'स्किमर गैंग' के नेटवर्क को सिर उठाने से पहले ही ध्वस्त करने की बात कहती नजर आ रही है.

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