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बदलाव की बयार से भारतीय समाज अब अछूता नहीं रह गया है. खासकर सेक्स को लेकर देश के युवक-युवतियों के खयाल एकदम बदले-बदले नजर आ रहे हैं. हाल ही में एक सर्वे के दौरान यह बात सामने आई कि अब लड़कियों में वर्जिन हसबेंड की चाहत कम होती जा रही है.
अलग-अलग शहरों में लड़कियों से एक सवाल किया गया. युवतियों से पूछा गया कि क्या वे वर्जिन हसबेंड चाहेंगी? इस सवाल के जो जवाब आए, वे बहुत-कुछ सोचने को मजबूर कर देते हैं.
कुछ लड़कियों ने तो साफ-साफ कहा कि वे ऐसा पति चाहती हैं, जिसके पास पहले से कोई 'अनुभव' न हो. पर कई लड़कियों के जवाब एकदम चौंकाने वाले रहे.
किसी ने कहा कि वे वर्जिन हसबैंड के बारे में नहीं सोचती हैं, क्योंकि उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि आज जमाना किस तरफ जा रहा है. शादी होने तक 'इंतजार करने' का सब्र हर किसी में नहीं होता, नतीजतन विवाह से पहले सेक्स बड़े शहरों में आम होता जा रहा है. लिव-इन का चलन भी दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है.
किसी ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनका होने वाला पति वर्जिन हो या नहीं. किसी ने बड़ी बेबाकी से यह भी कह डाला कि चाहे लड़कियां हों या लड़के, दोनों ही अपने बारे में हर तरह का फैसला खुद ले रहे हैं. ऐसे में अगर कोई वयस्क शादी से पहले अपनी मर्जी किसी से सेक्सुअल रिलेशन बनाता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. साथ ही वर्जिनिटी शादी के लिए कोई शर्त नहीं हो सकती.
एक जवाब यह भी आया कि न तो वर्जिनिटी खो चुके लड़के को वर्जिन दुल्हन की इच्छा रखनी चाहिए, न ही वर्जिनिटी खो चुकी लड़की को वर्जिन हसबेंड की चाह. कुल मिलाकर, भारतीय समाज अब उस सवाल का सामना करने की हिम्मत दिखा रहा है, जिससे एक दशक पहले तक वह नजरें चुराया करता था.