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एक मुलाकात लखनऊ की पहली महिला SSP 'लेडी सिंघम' मंजिल सैनी के साथ

जिन लोगों ने फिल्म 'सिंघम' देखी है, वे इस महिला पुलिस अध‍िकारी की तुलना इसके हीरो से करते हैं. फिलहाल वह लखनऊ की पहली महिला एसएसपी नियुक्त की गई हैं.

SSP मंजिल सैनी SSP मंजिल सैनी
मेधा चावला
  • लखनऊ ,
  • 18 मई 2016,
  • अपडेटेड 6:25 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इतिहास में पहली बार महिला एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) की तैनाती की गई है. बुधवार को लखनऊ की नई एसएसपी मंजिल सैनी ने चार्ज संभाल लिया है. इसके पहले वह इटावा में बतौर एसएसपी तैनात थीं.

मंजिल सैनी को पुलिस के तेजतर्रार अधिकारियों में गिना जाता है और वह 'लेडी सिंघम' के नाम से भी मशहूर हैं.

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मंजिल सैनी का जन्म 19 सितंबर 1975 को दिल्ली में हुआ था. वह दिल्ली कॉलेज ऑफ इकोनॉमिक्स से पासआउट हैं और यहां से गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं. मंजिल 2005 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं और उत्तर प्रदेश के बंदायू, मुजफ्फरनगर, इटावा, मथुरा समेत आधा दर्जन से भी ज्यादा जनपदों में कार्यरत रही हैं.

एक मुलाकात मजबूत छवि वाली इस अधिकारी से-

आप 'लेडी सिंघम' के तौर पर मशहूर हैं. क्या लखनऊ में भी यह इमेज देखने को मिलेगी?
'लेडी सिंघम' से आप क्या समझ रहे हैं. यह कोई ऑफिशियल टाइटल नही हैं. मीडिया ने ही दिया है. लेकिन मैं जनता की अपेक्षाएं देखती हूं. जनता ये अपेक्षा रखती है कि जब उनके साथ अन्याय होता है, कुछ गलत होता है या फिर कोई और घटना होती है तो उनकी मदद के लिए कोई आएगा. वो पुलिस डिपार्टमेंट से उम्मीद करते हैं कि पुलिस आएगी, उनके अपराधी को पकड़ेगी और तुरंत न्याय होगा. मुझे लगता है कि वो इमेज वे सिंघम के रूप में समझते हैं. हमारा पूरा प्रयास होगा कि हमारे पास जो शिकायतें आएं और जो घटना आए, उस पर हम लोग तुरंत एक्शन लें.

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यानी अब लखनऊ की सड़कों पर पुलिस देखेगी...
बिल्कुल यह प्रयास रहेगा कि पुलिस की विजीबिलिटी बढ़े. और न केवल गाड़ियों के माध्यम से बल्कि ऑनफुट भी. खासकर ऐसे एरिया में जहां घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.

लखनऊ में पॉलि‍टिकल प्रेशर बहुत है. किस तरह इसे हैंडल करेंगी...
पॉलि‍टिकल प्रेशर जरूरी नहीं कि राजधानी में ही हो. यह हर जिले में हो सकता है. जो हमारे जन प्रतिनिधि हैं, जनता उन्हें चुनकर लाती है और जनता उनसे अपेक्षा करती है कि वे समस्याएं सुनें और उनकी मदद करें. जितनी जनता मेरे पास आती है, उससे कहीं ज्यादा उनके पास जाती है. और हर जनप्रतिनिधि को अधिकार है कि संबंधि‍त विभाग और संबंधित अधिकारी तक बात पहुंचाएं. कोई कंप्लेंट आती है तो हम लोग उसको मेरिटबेसि‍स पर देखेंगे. जो गरीब हैं, उन पर पूरी कार्रवाई होगी. कोई लोग झूठी शि‍कायत लाते हैं, उन पर भी कार्रवाई होगी.

महिलाओं के खिलाफ कुछ अपराध बढ़े हैं...
क्राइम फिगर आज मैंने सुबह-सुबह देखा है. हत्याएं बढ़ी हैं . महिलाओं के साथ होने वाले चेन स्नैचिंग, ईवटीजिंग जैसे अपराध बढ़े हैं. बडा महानगर है. स्टैटिक्सवाइज ज्यादा अपराध हैं. महिलाओ के साथ कहीं न कहीं दिक्कते हैं. इनको कैसे हैंडल किया जाए, यह देखना होगा. इस फील्ड में काम कर रहे एनजीओ और एक्टिव ग्रुप्स को भी हम लोग साथ लेकर चलना चाहते हैं.

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