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नौशेरा में शहीद हुए यूपी के बलिया के हरिंद्र कुमार यादव के परिवार में मौत की खबर के बाद से ही मातम फैला हुआ है, हरिंद्र परिवार में इकलौता लड़का था, उनके अलावा परिवार में 4 बहनें और बूढ़ी मां है.
हरिंद्र की पत्नी और 6 साल के बेटे ने कहा भारत सरकार को पाकिस्तान से बदला लेना चाहिए, बेटे ने कहा वह बड़ा होकर सेना में जाएगा और बदला लेगा.
इलाके के लोग गृहमंत्री राजनाथ सिंह से नाराज़
बुधवार को बलिया में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रैली की लेकिन शहीद हरिंद्र के बारे में अपने भाषण में कुछ नहीं कहा जिससे इलाके के लोग खासे नाराज है. अब्बासपुर गांव में सन्नाटा इस कदर पसरा है कि लोगो की आंखों में आंसू नहीं थम रहे है, हरिंद्र अपने पीछे अपने एक बेटे और 2 बेटियों को
अकेले छोड़ गया.
परिवार को इस बात का मलाल है कि उसके शहादत के तीन दिनों के बाद भी प्रशासन उसकी सुध लेने नहीं आया. परिजनों के मुताबिक 8 नंवबर की घटना के बाद 9 नवम्बर को गृहमंत्री खुद बलिया आये थे, पार्टी के परिवर्तन रथ को हरी झंडी दिखाई और चले गए लेकिन उस शहीद के लिए एक शब्द नहीं कहा जिसने अपनी जान की कुर्बानी दे दी.
बताया गया कि हरेंद्र यादव के शव को वाराणसी से हेलीकॉप्टर से बलिया लाया जायेगा. बलिया के भीमपुरा में बकायदा शहीद के शव के लिए हैलीपैड भी बनाया गया था लेकिन आखिरी वक्त में हेलीकॉप्टर भी नहीं मिला, फिलहाल राज्य सरकार की ओर से कोई मुआवजे का ऐलान नहीं किया गया है.
हरिंद्र आर्मी के 54 RR में नायक के पद पर तैनात थे और उसके वायरलेस ऑपरेटर के पदपर तैनात थे. हरेंद्र नौशेरा के उस सेक्टर में सूचनाएं जुटा रहे थे जहाँ पकिस्तान की ओर से जबरदस्त गोलीबारी चल रही है.
पत्नी ज्ञानती देवी के मुताबिक हरिंद्र अपने बेटे बेटियों को सैनिक स्कूल में दाखिले की कोशिश कर रहे थे और इच्छा थी कि बेटा भी सेना में जाये.