
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ओलंपिक पदक विजेता और राज्यसभा सांसद मैरी कॉम के फाउंडेशन समेत और 21 गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के विदेशी फंड की जांच कराई है. इस बारे में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को संसद में बताया.
मैरी कॉम रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के अलावा भारत की आईटी इंडस्ट्री के शीर्ष निकाय नैसकॉम समेत 42 संगठनों की जांच की गई है. इन संगठनों की इस सिलसिले में जांच की गई है कि कहीं विदेशी फंड लेने में इन्होंने कानूनों का उल्लंघन तो नहीं किया है.
किरण रिजिजू ने लोकसभा में कहा कि 21 एनजीओ से इस बारे में सवाल-जवाब किए गए थे. इन एनजीओ में एशियानेट न्यू चैरिटेबल ट्रस्ट, एमनेस्टी इंटरनेशनल फाउंडेशन जैसे संगठन भी शामिल हैं.
रिजिजू ने एक प्रश्न पूछे जाने पर यह लिखित उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया समेत 21 अन्य संगठनों का ऑडिट और जांच पूरी कर ली गई है. उन्होंने कहा कि इन संगठनों को विदेशी फंड मिला था और इनकी फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत जांच की गई थी.आपको बता दें कि मैरी कॉम के फाउंडेशन की शुरुआत 2006 में हुई थी. इसे मैरी कॉम और उनके पति चलाते हैं. यह ट्रस्ट मणिपुर और पूर्वोत्तर के इलाकों में मुक्केबाजी को प्रोत्साहित करता है. वहीं, राजीव गांधी ट्रस्ट 2002 में बना था और उत्तर प्रदेश के 42 जिलों समेत देश के कई हिस्सों में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में काम कर रहा है.
वहीं, नैस्कॉम की बात करें तो यह उद्योग जगत का गैर लाभकारी संगठन है. यह भारत की 154 अरब डॉलर की आईटी इंडस्ट्री की सर्वोच्च संस्था है.