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1 लाख गोरक्षकों की दिल्ली जुटान स्थगित, 6 नवंबर को अब होगी सिर्फ श्रद्धांजलि सभा

हैदराबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की केंद्रीय टोली की अहम बैठक शुरु होने के साथ ही वीएचपी और संघ परिवार की ओर से 6 नवंबर को दिल्ली में आयोजित 1 लाख गोरक्षकों का सम्मेलन स्थगित कर दिया गया है. आयोजकों के मुताबिक, अब गोरक्षकों के सम्मेलन की बजाए सिर्फ श्रद्दांजलि सभा होगी जिसमें 6 नवंबर 1967 में गोरक्षकों पर हुए गोलीकांड के शहीदों को नमन किया जाएगा.

गोरक्षकों की दिल्ली में बैठक स्थगित गोरक्षकों की दिल्ली में बैठक स्थगित
राकेश उपाध्याय
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

हैदराबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की केंद्रीय टोली की अहम बैठक शुरु होने के साथ ही वीएचपी और संघ परिवार की ओर से 6 नवंबर को दिल्ली में आयोजित 1 लाख गोरक्षकों का सम्मेलन स्थगित कर दिया गया है. आयोजकों के मुताबिक, अब गोरक्षकों के सम्मेलन की बजाए सिर्फ श्रद्दांजलि सभा होगी जिसमें 6 नवंबर 1967 में गोरक्षकों पर हुए गोलीकांड के शहीदों को नमन किया जाएगा.

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सूत्रों के मुताबिक, जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित इस गोरक्षा सम्मेलन में पूरे देश से बड़े पैमाने पर लाखों की तादाद में गोरक्षकों को जुटाने की तैयारी बीते दो महीने से चल रही थी लेकिन अचानक आयोजकों ने 6 नवंबर के कार्यक्रम को जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम के मुख्य परिसर की बजाए ऑडिटोरियम में करने का फैसला लिया है.

संघ परिवार से प्रेरित राष्ट्रीय गोधन महासंघ की ओर से आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम के संयोजक विजय खुराना ने इस बाबत आजतक को बताया कि महासंघ की संचालन मंडली ने कार्यक्रम को 1967 के गोलीकांड में शहीद हुए गोसेवकों को श्रद्धांजलि देने तक सीमित रखने का फैसला लिया है.

पहले 1 लाख से ज्यादा गोरक्षक कार्यक्रम में बुलाए गए थे किंतु अब इसमें दिल्ली के आस-पास के 3000 चुने हुए लोग आमंत्रित किए जा रहे हैं. खुराना के अनुसार, कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने शामिल होने की स्वीकृति पहले से दे रखी है जबकि स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती, बाबा रामदेव, स्वामी गोविंद देव गिरीजी, स्वामी परमात्मानंद समेत बड़ी संख्या में संत भी कार्यक्रम में शामिल होंगे.

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कार्यक्रम का स्वरूप छोटा किए जाने के सवाल पर वीएचपी के उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने कहा कि कार्यक्रम छोटा करने का फैसला संतों की ओर से लिया गया है, वीएचपी संतों के निर्देशानुसार ही काम करेगी. संत अगर कहते कि पूरे देश भर से गोरक्षक बुलाने हैं तो हम उस दिशा में काम करते, अब संतों ने कहा है कि श्रद्धांजलि सभा को श्रद्धांजलि की तरह ही करना है, रैली नहीं करनी है तो हम उस अनुरूप आदेश का पालन करेंगे.

दूसरी ओर राष्ट्रीय गोधन महासंघ के संयोजक विजय खुराना ने साफ किया है कि 6 नवंबर का कार्यक्रम हमने टाल दिया है. मतलब ये कि 6 नवंबर को श्रद्धांजलि सभा होगी और संसद के बजट सत्र के दौरान हम लाखों की तादाद में गोरक्षकों को दिल्ली बुलाने पर दोबारा विचार कर सकते हैं. हमारी मांग केंद्र सरकार से साफ है कि वह गोरक्षा का केंद्रीय कानून पारित करे तो उस मांग से पीछे हटने का सवाल नहीं। हमें उम्मीद है कि मौजूदा केंद्र सरकार गोसेवकों की भावनाओं की कद्र करते हुए संसद के शीतकालीन सत्र में देश में ‘काउ सेंक्चुरी’, स्पेशल काउ जोन यानी एससीजेड समेत गोसंवर्धन की दिशा में अहम फैसले लेगी ताकि गोसेवा के जरिए देश की आर्थिक तरक्की में गोसेवक योगदान दे सकें.

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इस बीच स्वदेशी चिंतक गोविंदाचार्य और उनसे जुड़े गोसेवकों ने ऐलान किया है कि 7 नवंबर को दिल्ली में गोवध निषेध से जुड़े केंद्रीय कानून की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस और वीएचपी से जुड़े कई बड़े गोरक्षक संगठन 6 नवंबर के आयोजन को श्रद्धांजलि सभा तक सीमित किए जाने पर खासे नाराज बताए गए हैं. गोसेवकों का कहना है कि कार्यक्रम का स्वरूप राजनीतिक वजहों से छोटा किया गया है.

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