Advertisement

डोनाल्ड ट्रंप के भाषण में थे ये तीन खास संदेश

अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप में पहले संबोधन में एक बार चुनाव प्रचार के मोड में दिखे. उन्होंने अपने भाषण में इस्लामिक आतंकवाद के सफाये, अमेरिकियों की नौकरियां वापस दिलाने और सीमाओं को सुरक्षित करने जैसे वादे दोहराए. पढ़ें ट्रंप के इस भाषण के कुछ अहम मायने...

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली
साद बिन उमर
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:18 AM IST

अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप में पहले संबोधन में एक बार चुनाव प्रचार के मोड में दिखे. उन्होंने अपने भाषण में इस्लामिक आतंकवाद के सफाये, अमेरिकियों की नौकरियां वापस दिलाने और सीमाओं को सुरक्षित करने जैसे वादे दोहराए.

पढ़ें ट्रंप के इस भाषण के कुछ अहम मायने

आतंकवाद पर निशाना : डोनाल्ड ट्रंप ने इस्लामिक आतंकवाद पर तीखा हमला बोला. अपने भाषण में उन्होंने कहा, 'हम दुनिया की ताकतों को कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ जंग के लिए एक करेंगे. हम इस धरती से आतंकवाद का सफाया कर देंगे.' ट्रंप की इस भाषा को आतंकवाद के खिलाफ उनके कड़े रुख का उदाहरण माना जा रहा है. दरअसल ट्रंप लगातार यह कहते रहे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ऐसी भाषा से बड़ा असर पड़ता है.

Advertisement

अमेरिका फर्स्ट का अर्थ : ट्रंप ने अपने भाषण में 'मेक इन अमेरिका' का नारा दिया और अमेरिकियों के सपने, नौकरियां और समृद्धि लौटाने का वादा किया. उन्होंने साफ कहा, 'हम दो नियमों को फॉलो करेंगे- बाइ अमेरिकन, हायर अमेरिकन.' उनके इस भाषण से माना जा रहा है कि ट्रंप आने वाले समय में नौकरी के लिए विदेशियों को जारी होने वाले वीजा के नियमों को लेकर सख्त नीतियां अपना सकते हैं.

सहयोगी देशों को संदेश : डोनाल्ड ट्रंप ने अपने इस भाषण में सहयोगी देशों को भी संदेश दिया. उन्होंने कहा, 'हम दूसरे देशों की सेनाओं को सब्सिडी देते रहे हैं, जबकि हमारी सेना परेशानी में है. हम अपनी सीमा की सुरक्षा के बदले दूसरे देशों की सीमाओं की रक्षा करते रहे हैं. दूसरे देशों में हमने खरबों डॉलर खर्च किए हैं, जबकि अमेरिका का इन्फ्रास्ट्रक्चर बर्बाद हो रहा है.' ट्रंप की इस बात से माना जा रहा है कि अमेरिका आने वाले दिनों में सहयोगी देशों को दे रहे रक्षा सहयोग में कटौती कर सकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement