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योगीराज में आवारा पशु बन रहे हादसों की वजह, कई मौतों के बाद जागी यूपी सरकार

मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रमुख सचिव ने 5 तारीख से 15 तारीख तक सभी नगर निगमों को एक विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया है. इस अभियान के अंतर्गत सड़क पर घूमने वाली आवारा गायों को पकड़ कर गोशाला पहुंचाया जाएगा, जिससे उनकी सही तरीके से देखरेख हो सके.

सड़कों पर आवारा पशओं के घूमने से हो रहे हैं कई हादसे सड़कों पर आवारा पशओं के घूमने से हो रहे हैं कई हादसे
सुरभि गुप्ता/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 22 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

योगी सरकार ने एक झटके में बूचड़खाने तो बंद कर दिए, लेकिन गाय-बैल और सांडों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हुई. इससे हजारों की तादाद में लावारिश घूम रहे ये गोवंश अब लोगों की जान के लिए आफत बनते जा रहे है. आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के लिए शहरों और हाई वे पर घूम रहे आवारा गोवंश काफी हद तक जिम्मेदार हैं. शहरों में गाय, बैल और सांड दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह हैं, तो हाई वे पर लावारिस विचर रहे ये पशु हर दिन दर्जनों दुर्घटना की वजह बन रहे हैं.

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योगी सरकार का नया आदेश

दुर्घटनाओं के नए आंकड़ों ने सरकार के लिए मुश्किल बढ़ा दी हैं, तो योगी सरकार एक नए आदेश के साथ सामने आई है कि अब सरकार सभी नगर पंचायत और बड़े पंचायतों में गोशालाएं खोलेगी और शहरों में डीएम के नेतृत्व में बनी लोगों की समितियां इसे चलाएंगी. ये तो हुई प्लानिंग की बात, लेकिन जब तक इतने बड़े स्तर पर गोशालाएं नहीं बन जाती तब तक क्या दुर्घटनाएं होती रहेंगी. क्या लोग अपनों को खोते रहेंगे? ये सवाल लगातार बड़ा बनता जा रहा है. दुधारू गाय तो लोग पालते हैं, लेकिन दूध सूखते ही ये गायें लावारिस सड़कों पर छोड़ दी जाती हैं. इससे भी बुरा हाल उन बैल, बछड़ों और साडों का है जो अब हर सड़क, चौराहों और गलियों में लोगों के लिए आफत बनकर घूम रहे हैं.

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आवारा पशुओं के कारण बढ़ी हादसों की संख्या

पीलीभीत, लखीमपुरखीरी, लखनऊ, बाराबंकी, इलाहाबाद सहित कई जिलों में बीते एक पखवाड़े में आवारा पशुओं से टक्कर से दर्जन भर से ज्यादा एक्सीडेंट हो चुके हैं. इन दुर्घटनाओं में आधा दर्जन से ज्यादा की मौत और कई दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए. बाराबंकी में हाई वे पर एक गाय को बचाने के चक्कर में पूरी गाड़ी ही नहर में गिर पड़ी और पांच लड़कों की मौत हो गई, जबकि पीलीभीत में सांड के मोटरसाइकिल सवार से टक्कर में एक शख्स की मौत हो गई, जबकि दूसरा शख्स अस्पताल में पड़ा है. सिर्फ शहर ही नहीं, लखनऊ-आगरा जैसे एक्सप्रेस वे पर भी लावारिश गौवंश की वजह से हादसों में काफी इजाफा हो गया है.

हर नगर पंचायत में गोशाला

इन मौतों का आंकड़ा ही है कि अब योगी सरकार ने इन गायों को रखने और दुर्घटना से बचाने के लिए हर नगर पंचायत में गौशाला खोलने और हर बड़े पंचायत में कंक्रीट के शेड में गोशाला बनाने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री अब लावारिस गायों को सड़क पर छोड़ने का मुद्दा अपने हर भाषण में उठा रहे हैं. पिछले दिनों लावारिस छोड़ते गायों पर बोलते हुए योगी ने इनकी तुलना बच्चों से कर दी, जिसकी तीखी आलोचना भी योगी आदित्यनाथ को झेलनी पड़ी.

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सीएम के आदेश पर विशेष अभियान

मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रमुख सचिव ने 5 तारीख से 15 तारीख तक सभी नगर निगमों को एक विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया है. इस अभियान के अंतर्गत सड़क पर घूमने वाली आवारा गायों को पकड़ कर गोशाला पहुंचाया जाएगा, जिससे उनकी सही तरीके से देखरेख हो सके. अक्सर स्थानीय लोग अपनी गाय का दूध निकाल कर उन्हें चरने के लिए सड़कों पर छोड़ देते हैं, जहां ये गायें हादसों को दावत देती हैं. योगी सरकार ने ऐसे लोगों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं. सरकार ने ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ जुर्माने का नियम लागू किया है, जिससे लोग अपने पालतू पशुओं को सड़कों पर ना छोड़ें.

सरकार के पास स्थाई समाधान नहीं

चाहे वाराणसी हो या सहारनपुर कई जिलों में इन दिनों लावारिश गायों को पकड़ने का अभियान चल रहा है, लेकिन इन लावारिश गायों को रखने का कोई स्थायी समाधान फिलहाल सरकार के पास नहीं है. नगर निगम इन्हें पकड़ता है, लेकिन उन्हें फिर छोड़ना पड़ता है क्योंकि ना तो उनके पास इतनी जगह ना ही इतना चारा.

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