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BSP का परिवारवाद, मेरठ की रैली में मायावती के साथ मंच पर आए भाई-भतीजा

मायावती राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद यूपी के सभी मंडलों में हर महीने की 18 तारीख को रैली करने का ऐलान किया था. इस कड़ी में पहली रैली 18 सितंबर को मेरठ में हुई. रैली में मायावती के साथ मंच पर उनके भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश भी नजर आए.

मेरठ रैली में मंच पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती के साथ उनके भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश मेरठ रैली में मंच पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती के साथ उनके भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST

राजनीति में परिवारवाद का विरोध करती रहीं बसपा सुप्रीमो मायावती क्या खुद इस रास्ते चल पड़ी हैं? यह सवाल सोमवार को मेरठ में रैली के बाद उठ रहा है. दरअसल, हुआ यूं कि मायावती ने पहली बार मेरठ में इतने बड़े मंच से अपने भाई के साथ भतीजे को 'प्रोजेक्ट' किया. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि माया ने अपना सियासी वारिस तलाश लिया है.

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अपनों को माया ने दिया अहम पद

मायावती ने पहले अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया. अब आनंद के बेटे व अपने भतीजे आकाश को भी पार्टी में एंट्री देकर उनकी सियासी पहचान बनाने की कवायद कर रही हैं.

बसपा नहीं भाई-भतीजे के लिए होंगी रैलियां?

मायावती राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद यूपी के सभी मंडलों में हर महीने की 18 तारीख को रैली करने का ऐलान किया था. इस कड़ी में पहली रैली 18 सितंबर को मेरठ में हुई. रैली में मायावती के साथ मंच पर उनके भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश भी नजर आए. एक साथ मंच पर तीनों के आने के बाद ये कहा जा रहा है कि मायावती इन्हीं रैलियों के बहाने अपने भाई और भतीजे को चेहरा बनाने की कोशिश कर रही हैं.

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बाहरियों से मिला धोखा, अब अपनों पर ही भरोसा

दरअसल, बसपा के कई दिग्गज नेताओं ने मायावती को ऐन वक्त (विधानसभा चुनाव के दौरान) धोखा देकर बीजेपी या दूसरी पार्टियों का दामन थामा था. इससे मायावती को काफी बड़ा झटका लगा था और उसका असर चुनावी नतीजों में भी देखने को मिला था. उम्र की बात करें तो मायावती 60 पार कर चुकी हैं. सवाल उठता रहा है कि मायावती के बाद बीएसपी का चेहरा कौन बनेगा? ऐसे में मायावती अब बाहरियों पर भरोसा करने की बजाए अपने ही लोगों को ही आगे बढ़ाती नजर आ रही हैं.

भाई आनंद को सबसे पॉवरफुल पोस्ट

यूपी के 2017 विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मायावती ने 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर भाई आनन्द कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी. आनंद को उपाध्यक्ष बनाते समय मायावती ने इस बात का भी जिक्र किया कि पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद पार्टी में काफी पावरफुल है. माया ने भी कहा कि आनंद पार्टी में किसी को शख्स को रख सकेंगे और निकाल सकेंगे. एक समय था जब कांशीराम ने मायावती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था.

'ये मेरा भतीजा आकाश है, पार्टी का कामकाज देखेगा'

बीएसपी सुप्रीमो ने अंबेडकर जयंती के पांच दिन बाद पार्टी नेता की बैठक की हुई. इस बैठक में राज्य भर के नेता मौजूद थे. मायावती ने इन सबके सामने भाई आनंद कुमार को बुलाया तो उनके साथ एक नौजवान युवक भी साथ में था. मायावती ने कहा,"ये मेरे भतीजा आकाश है, जो लंदन से एमबीए करके वापस लौटा है और अब पार्टी का काम देखेगा." इस तरह मायावती ने बीएसपी को एक ही नहीं दूसरी पीढ़ी को सौंप दिया.

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सहारनपुर दौरे पर माया के साथ आकाश

सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दलित-राजपूत के बीच हुई जातीय हिंसा के बाद मायावती ने 23 मई को दौरा किय था. मायावती के साथ आकाश भी गए थे. माया के साथ किसी नौजवान युवक को पहली बार लोग देख रहे थे. ऐसे में सभी जानना चाहते थे कि ये युवा कौन है, जो अचानक मायावती के संग नजर आ रहा है.

माया खुद सीखा रही हैं सियासी ABCD

दरअसल आकाश लंदन से एमबीए की डिग्री लेकर लौटे हैं. आकाश को मायावती खुद राजनीतिक की एबीसीडी पढ़ा रही हैं. यही वजह है कि माया आकाश को लेकर हर जगह जा रही हैं. सहारनपुर दौरे में जहां उन्हें समाज के बीच ले गई. इसके बाद पार्टी के मिशनरी नेताओं के साथ उनकी राजनीतिक पाठशाला चल रही है. ये वरिष्ठ नेता उन्हें पार्टी की विचारधारा से लेकर रणनीति तक बता रहे हैं. पार्टी की बैठकों में भी आकाश लगातार शामिल हो रहा है.

मंच पर कैसे नजर आए आनंद-आकाश

सहारनपुर के बाद सोमवार को मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के कार्यकर्ताओं की मेरठ में रैली में आनंद-आकाश सहज नजर आए. भतीजा आकाश नीली शर्ट में थे. आकाश ने हाथ जोड़कर पार्टी कार्यकर्ताओं का स्वागत किया.

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