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विधानसभा समिति ने MCD कमिश्नरों को तलब किया, अब सोमवार को होगी बैठक

शाम 4 बजे शुरू हुई बैठक करीब 2 घंटे चली. इस दौरान अफसरों को समिति के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा. समिति सदस्य सोमनाथ भारती ने पूछा कि क्या एमसीडी ये भरोसा दिला सकती है कि आगे से कोई अवैध निर्माण नहीं होगा.

  एमसीडी कमिश्नरों संग विधानसभा समिति की बैठक एमसीडी कमिश्नरों संग विधानसभा समिति की बैठक
सुरभि गुप्ता/रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:23 AM IST

विधानसभा समिति ने बुधवार को दिल्ली की तीनों एमसीडी कमिश्नरों को तलब किया. ये बैठक दिल्ली में चल रही सीलिंग के मसले पर थी. इस बैठक की खास बात ये थी कि पहली बार इस समिति की बैठक मीडिया के कैमरों के सामने हुई ताकि कोई भी ज़िम्मेदारी से ना भाग सके.

बुधवार को तीनों एमसीडी कमिश्नर पुनीत गोयल, मधुप व्यास और रणबीर सिंह के अलावा दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्रालय की सचिव रेणु शर्मा को विधानसभा में एमसीडी पर बनी समिति ने तलब किया था और दिल्ली की 351 सड़कों के सर्वे को लेकर जारी घमासान पर चर्चा रखी थी. ये बैठक इसलिए बुलाई गई थी क्योंकि 351 सड़कों के नोटिफिकेशन का काम पिछले 12 साल से रुका है जिससे यहां भी सीलिंग की तलवार लटक रही है और दिल्ली सरकार-एमसीडी एक-दूसरे को इसके लिए दोषी ठहरा रही है.

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बुधवार को बुलाई बैठक में जब विधानसभा समिति की अध्यक्ष भावना गौड़ ने दिल्ली सरकार की शहरी विकास मंत्रालय सचिव रेणु शर्मा से 351 सड़कों को नोटिफाई किये जाने को लेकर ताज़ा स्थिति जानी तो उन्होंने बताया, "एमसीडी ने प्रॉपर सर्वे नहीं करवा कर दिया." इसपर एमसीडी कमिश्नरों ने समिति को बताया कि सर्वे करा कर भेजा जा चुका है. इसके बाद शहरी विकास मंत्रालय की सचिव ने बताया कि सर्वे मिला तो है लेकिन वो सत्यापित नहीं है. जब समिति ने वहां मौजूद कमिश्नरों से सर्वे को सत्यापित करने को कहा तो कमिश्नरों ने इसके लिए और मोहलत मांगी. काफी देर तक उनका पक्ष सुनने के बाद समिति ने उन्हें सोमवार का वक्त देते हुए  फिर से तीनों कमिश्नरों को विधानसभा में तलब किया है.

पुराने सर्वे को सत्यापित कैसे करें?

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समिति के सामने कमिश्नरों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जो सर्वे एमसीडी ने करीब 12 साल पहले भेजा था, उसको वो बिना जांचे परखे सत्यापित कैसे करें. कमिश्नरों ने बताया कि यूडी मंत्रालय के सचिव के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सड़कें तब तक नोटिफाई नहीं होंगी जब तक उनका ठीक से सर्वे नहीं होगा. ऐसे में पुराने कमिश्नरों और अफसरों के तरफ से भेजे गए सर्वे को उन्हें स्टडी करना होगा और ताज़ा सर्वे कराने के बाद ही वो उसे सत्यापित करेंगे ताकि बाद में कोई कमी ना निकले.

करीब दो घंटे चला सवाल-जवाब का दौर

शाम 4 बजे शुरू हुई बैठक करीब 2 घंटे चली. इस दौरान अफसरों को समिति के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा. समिति सदस्य सोमनाथ भारती ने पूछा कि क्या एमसीडी ये भरोसा दिला सकती है कि आगे से कोई अवैध निर्माण नहीं होगा. इस पर ईस्ट एमसीडी कमिश्नर रणबीर सिंह ने कहा कि हम लोग ऐसे अफसरों पर कार्रवाई करते हैं जिनके अंडर अवैध निर्माण मिलता है.

साउथ एमसीडी कमिश्नर पुनीत गोयल ने भी कहा कि विजिलेंस जांच के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई भी होती है. समिति ने कमिश्नरों से पूछा की कंवर्जन चार्ज को माफ करना किसके पास है. इसपर कमिश्नर पुनीत गोयल ने बताया कि ये डीडीए का काम है. समिति ने बताया कि 2 फरवरी को डीडीए की मीटिंग है, उसमें हम सीलिंग को रोकने का मुद्दा उठाएंगे उसके लिए निगम अपना पक्ष गुरुवार तक समिति को दे. समिति ने ये भी कहा कि कंवर्जन चार्ज के रूप में एमसीडी ने खूब पैसा कमाया लेकिन क्या एमसीडी के पास ऐसी कोई योजना है कि उसे उस मार्केट में खर्च किया जाए जहां से उसे लिया गया है. इसपर साउथ एमसीडी कमिश्नर पुनीत गोयल ने बताया कि उस पैसों से पार्किंग बनाई गई है और कई बाज़ारों में पार्किंग बनाने का काम चल भी रहा है.

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