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गाजीपुर लैंडफिल साइट से बढ़ते प्रदूषण पर एमसीडी ने खुद को लाचार बताया

इसको लेकर पहली बार एमसीडी अपनी पुर्वी दिल्ली नगर निगम ने अपनी लाचारगी जताई है.

गाजीपुर लैंडफिल साइट गाजीपुर लैंडफिल साइट
दिनेश अग्रहरि/रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 6:41 AM IST

भले ही प्रदूषण को लेकर कई उपाए किए जा रहे हों, लेकिन पुर्वी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जलता कुड़ा सबको मुंह चिढ़ा रहा है.

जनता जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है. गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग से खतरनाक धुंआ पूरे इलाके को डरा रहा है, लेकिन ऐसा पहली बार नही है. यह जरूर है कि इसको लेकर पहली बार एमसीडी अपनी पुर्वी दिल्ली नगर निगम ने अपनी लाचारगी जताई है.

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दरअसल गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कुड़े का पहाड़ बन चुका है जिसके अंदर से मीथेन गैस निकलता रहता है. इसकी वजह से आग लग जाती है, लेकिन इसे रोकने का तरीका फिलहाल एमसीडी के पास नही है. एमसीडी मेयर नीमा भगत का कहना है कि इस अवस्था में एमसीडी कोशिश कर रही है कि पानी के टैंकर गाजीपुर लैंडफिल साइट पर ही रखा जाए, लेकिन इसे करने में काफी वक्त लग जाता है.

अब एमसीडी को भरोसा नेशनल हाईवे ऑथिरिटी ऑफ इंडिया का है कि वह कुड़े का इस्तेमाल सड़क निर्माण के लिए करेगी. नवंबर से हर रोज 2500 मीट्रिक टन कुड़ा सड़क निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन कुड़े का पहाड़ खत्म करने में नेशनल हाईवे ऑथिरिटी ऑफ इंडिया करीब दो साल का वक्त लगेगा. फिलहाल एमसीडी के पास आग से और उससे निकलने वाली जहरीली गैस से निबटने का कोई इंतजाम नही है. कई बार मौसम गर्म होने के कारण या छोटी-सी चिंगारी से भी गैस में आग लग जाती है.

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इसके साथ ही कूड़े के ढेर के नीचे भी कई दिनों तक आग जलती रहती है जो हवा को और जहरीला बनाती है. निगम अधिकारियों के मुताबिक क्योंकि लैंडफिल साइट की ऊंचाई करीब 50 मीटर है और उसमें आग लगने पर उसे बुझाने के लिए जो पाइप बिछाया जाता है, उसमें वक्त लग जाता है जिससे तेज़ी से फैलती आग पर काबू पाना आसान बेहद मुश्किल हो जाता है.

आजादपुर मंडी के कूड़े को लेकर गोपाल राय ने एलजी को लिखा पत्र  

दूसरी तरफ, दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने आजादपुर मंडी के कुड़े को लेकर एलजी अनिल बैजल को पत्र लिखा है. ये पत्र भलस्वा लैंडफिल साइट को लेकर है, जहां कुडा डालने को एलजी ने प्रतिबंधित किया हुआ है. विकास मंत्री गोपाल राय का तर्क है कि भलस्वा लैडफिल साइट को प्रतिबंधित किए जाने के बाद आजादपुर मंडी का कूड़ा टीकरी खामपुर में डाला जा रहा था, जहां लोगो ने इसका विरोध किया. इसके बाद आजादपुर मंडी का कुड़ा मंडी में ही सड़ रहा है. इससे बीमारियां फैलने का खतरा है. उन्होंने उपराज्यपाल से आग्रह किया है कि वह भलस्वा लैंडफिल साइट पर कूड़ा डालने के लिए उत्तरी नगर निगम के आयुक्त को निर्देश दें. मंडी से कूड़ा नगर निगम उठाता है, जिसके लिए मंडी समिति प्रति वर्ष 1 करोड़ 70 लाख रुपये नगर निगम को देती है.

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