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MCD चुनाव की आहट से केजरीवाल के बदले सुर, निशाने पर अब बीजेपी-मोदी नहीं कांग्रेस!

एमसीडी चुनाव को लेकर जहां पार्टिेयों में खींचतान जारी है तो वहीं काफी समय बाद आखिरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को अपने निशाने पर ले लिया है. आखिर क्यों हर मुद्दे पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी पर अपने बयानों से हमला करने वाले केजरीवाल ने अचानक कांग्रेस की ओर निशाना मोड़ दिया है.

अरविंद केजरीवाल अरविंद केजरीवाल
रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 9:17 PM IST

एमसीडी चुनाव को लेकर जहां पार्टिेयों में खींचतान जारी है तो वहीं काफी समय बाद आखिरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को अपने निशाने पर ले लिया है. आखिर क्यों हर मुद्दे पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी पर अपने बयानों से हमला करने वाले केजरीवाल ने अचानक कांग्रेस की ओर निशाना मोड़ दिया है.

दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र में आम तौर पर बीजेपी पर बरसने वाले केजरीवाल को कांग्रेस की याद आ ही गई और उन्होंने कांग्रेस को जमकर खरी खोटी सुनाई. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर बिजली का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर बिजली कंपनियों को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बिजली कंपनियों की कैग से ऑडिट को लेकर झुठ बोला था लेकिन जैसे ही आम आदमी पार्टी की सरकार बनी सबसे पहले बिजली कंपनियों का कैग से ऑडिट कराया जिसमें 8000 करोड़ का घपला पाया गया.

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केजरीवाल ने आगे यह भी कहा कि, दिल्ली विधानसभा का चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस बिजली कंपनियों के बचाने में लगी है. जहां दिल्ली सरकार ने बिजली के रेट आधे किए तो वहीं अगर इस रिपोर्ट को लागू कर दिया जाए तो बिजली के रेट और कम हो सकते हैं लेकिन बिजली कंपनियां हाईकोर्ट चली गईं और वहां कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. फिलहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो वहीं कांग्रेस ने अपने तीन बड़े वकीलों को बिजली कंपनियों को बचाने का जिम्मा दिया है. अभिषेक मनु सिंघवी, पी चिदरंबम और कपिल सिब्बल उनका बचाव कर रहे हैं. उन्होंने कहा पहले कांग्रेस ने दिल्ली को 15 साल लूटा और हारने के बाद भी बिजली कंपनियों के बचाने में जुटी है. बिजली कंपनियों का मामला काफी पुराना है लेकिन एमसीडी चुनाव की आहट आते ही कांग्रेस पर निशाना साधने की खातिर मुद्दा बाहर आ चुका है.

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2015 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया था लेकिन एमसीडी चुनाव में कांग्रेस का पलड़ा भारी पड़ता नजर आ रहा है. 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के चुनाव हारने के बाद भी वोट प्रतिशत में कोई कमी नहीं थी जबकि कांग्रेस के वोट प्रतिशत में काफी गिरावट देखी गई थी. लेकिन दिल्ली में 2016 में हुए एमसीडी उपचुनाव में कांग्रेस ने 13 में से 5 सीटें जीत कर जबरदस्त वापसी की थी. जबकि एक साल पहले ही 70 में से 67 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी को भी उतनी ही यानि 5 सीटें ही मिली थीं जो कि आम आदमी पार्टी के लिए झटका था.

दरअसल, झुग्गी-झोपड़ी और बाहरी दिल्ली में रहने वाले लोग और अनाधिकृत कॉलोनियों के लोग कांग्रेस के परंपरागत वोटर्स रहे हैं. लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में ये वोटर्स शिफ्ट होकर आम आदमी पार्टी में चले गए थे जिसका फायदा आप को मिला था. लेकिन एमसीडी उपचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत और अब कांग्रेस की तैयारियों ने आम आदमी पार्टी को मजबूर कर दिया है. जिसके बाद अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर कांग्रेस को निशाने पर ले रहे हैं.

बीजेपी 10 साल से सत्ता पर काबिज है. जो खुद ही एंटी एनकंबेसी फैक्टर से जुझ रही है. आप सरकार भी दो सालों से सत्ता में है. कांग्रेस ने एमसीडी चुनाव के लिए अपने परंपरागत वोटर्स को वापस लाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रखा है. यह केजरीवाल के लिए खतरा है. इसी वजह से अब आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर पुराने आरोपों को नए तरीके से उठाकर निशाना साध रही है.

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