
दिल्ली में शुक्रवार को अचानक डिफेंस कालोनी मार्केट में हड़कंप सा मच गया. एमसीडी के कुछ अधिकारियों की टीम भारी पुलिस फोर्स के साथ यहां आ धमकी. लोग समझने की कोशिश ही कर रहे थे, कि पता चला कि डिफेंस कालोनी के मशहूर मार्केट में दुकानों, बार और रेस्टोरेंट्स की सीलिंग होनी है.
दुकानदारों ने बताया कि टीम के पहुंचने के तुरंत बाद यहां सुप्रीम कोर्ट की बनाई मॉनिटरिंग कमेटी के मुखिया केजे राव और भूरेलाल भी पहुंचे और सीलिंग की कार्रवाई शुरु करने के आदेश दे दिए. टीम के साथ पुलिस फोर्स मौजूद थी जो विरोध करने वाले दुकानदारों को रोकती रही.
दरअसल सीलिंग की ये कार्रवाई 2006 में चली सीलिंग और डिमॉलिशन की मुहिम की आगे की कड़ी है. 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने रिहायशी इलाकों में चल रही मार्केट्स को सील करने के आदेश दिए थे और इस कार्रवाई की निगरानी के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाई थी. इस वक्त दिल्ली के करीब 70 फीसदी बाजार सीलिंग की जद में आ गए थे और हड़कंप मच गया था. हजारों दुकानें सील कर दी गईं थी, इसके बाद आनन-फानन में केंद्र सरकार, एमसीडी और डीडीए जैसी एजेंसियां हरकत में आईं. ऐसी सड़कों को जो रिहायशी इलाकों में गिनी जाती थीं, उनकी जमीन कानूनी तौर पर बदली गई. कुछ को मिक्स लैंड यूज की कैटेगरी में रखा गया और कुछ को कमर्शियल, ताकि सीलिंग से राहत मिल सके. इसके बाद 2007 के मास्टर प्लान में भी बदलाव करके सीलिंग से दिल्ली को राहत दिलाई गई थी. लेकिन इसके साथ ही ये नियम बनाया गया था कि रिहायशी इलाकों से कमर्शियल मार्केट कैटेगरी में तब्दील की गई सड़कों पर मौजूद दुकानदारों को कन्वर्जन चार्ज और पार्किंग चार्ज देने होंगे. करीब दो साल तक चली सीलिंग की कवायद के बाद मामला इन बदलावों की वजह से ठंडा पड़ गया था.
मामला ठंडा पड़ते ही दुकानदारों ने कन्वर्जन चार्ज नहीं दिया और न ही एमसीडी ने कन्वर्जन चार्ज वसूलने को लेकर कोई दिलचस्पी दिखाई. अब अचानक एक बार फिर मॉनिटरिंग कमेटी ने कन्वर्जन चार्ज नहीं देने वालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
कार्रवाई की शुरुआत डिफेंस कालोंनी से की गई है. यहां पहली और दूसरी मंजिल पर चलने वाले रेस्टोरेंट, बार और दूसरी कमर्शियल गतिविधियों को सील कर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक करीब 20 प्रापर्टी डिफेंस कालोनी में सील की गई हैं. हालांकि यहां कई दुकानदारों की शिकायत है कि उन्हें न तो नोटिस दिया गया और न ही कन्वर्जन चार्ज की जानकारी, बस उनकी दुकानें सील कर दी गईं. जसमीत कौर के मुताबिक उन्होंने करीब 60 लाख रुपए कन्वर्जन चार्ज के तौर पर जमा किए हुए हैं, लेकिन फिर भी उनकी दुकान सील कर दी गई.