
एक तरफ जहां पीएम नरेंद्र मोदी देशभर में कैशलेस ट्रांजेक्शन की बात कर रहे हैं तो वहीं इस बीच बीजेपी की सत्ता वाली साउथ एमसीडी ने पेपरलेस होने का फैसला लिया है. साउथ एमसीडी की स्टैंडिग और हाउस की मीटिंग में अब पेपर का इस्तेमाल नहीं होगा. अब एजेंडा आई-पैड पर आया करेगा.
इस योजना के तहत सबसे पहला आई-पैड नेता सदन सुभाष आर्य को दिया गया. उसके बाद स्थाई समिति के अध्यक्ष और सभी पार्षदों को भी आई-पैड बांटे गए. करीब एक महीने पहले स्थाई समिति की बैठक में ही इन मीटिंग्स को पेपरलैस करने का फैसला किया गया था और अब इसे लागू कर दिया गया है. अब आगे से होने वाली स्थाई समिति और सदन की बैठकों में एजेंडा आईपैड पर ही पास होंगे. अब मीटिंग का एजेंडा आई पैड के माध्यम से सदस्यों को बांटा जाएगा. एमसीडी के मुताबिक इससे अगले तीन सालों में कागज़ों पर होने वाले खर्चे में लगभग 4 करोड़ रुपए की बचत होगी और पर्यावरण की भी मदद मिलेगी.
अभी तक कैसे होता रहा है काम?
एमसीडी में होने वाली स्टैंडिंग कमेटी और हाउस की मीटिंग में निगम के प्रोजेक्ट से लेकर कई अहम प्रस्ताव होते हैं. इन पर बहस करने के बाद बहुमत के आधार पर उनको पारित या निरस्त किया जाता है. बैठक में सदस्यों, अधिकारियों और पत्रकारों को एजेंडा की पूरी फाइल दी जाती है. यह फाइलें कई बार तो 100 पन्नों तक की होती है. हालांकि अब आई-पैड पर एजेंडा आने से ये तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी. एमसीडी के मुताबिक किसी भी निगम में बैठकों का पूरी तरह से पेपरलेस हो जाना शायद देश में पहला मामला है.