
पाकिस्तान की जेल में कैद कुलभूषण सुधीर जाधव के मामले में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम कूटनीतिक माध्यमों से कोशिश कर रहे हैं कि कुलभूषण जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले को पूर्ण और प्रभावी रूप से लागू किया जाए. इस मामले में आज पाकिस्तान द्वारा दिया गया बयान आईसीजे के फैसले को लागू करने में उसकी निरंतर आनाकानी पर मुखौटा लगाने की कोशिश मात्र है. बता दें कि पाकिस्तान ने दावा किया है कि कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दायर करने से इनकार कर दिया है.
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के दावे को नकार दिया है. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान का दावा है कि जाधव ने रिव्यू पिटीशन लगाने से इनकार कर दिया है, यह पिछले चार सालों से चल रहे फरेब का एक सिलसिला है. जाधव को मजाकिया ट्रायल के जरिए फांसी की सजा सुनाई गई है. वह पाकिस्तान की सेना के कब्जे में हैं. उनके मामले में रिव्यू फाइल करने से इनकार करने के लिए उन्हें स्पष्ट रूप से मजबूर किया गया है. भारत ने जाधव तक बेरोक-टोक पहुंच होने की मांग की है ताकि उनके पास मौजूद विकल्पों पर चर्चा की जा सके. पाकिस्तान ने स्पष्ट रूप से जाधव को आईसीजे के फैसले के कार्यान्वयन के लिए अपने अधिकारों को वापस लेने के लिए मजबूर किया है.
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विदेश मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान ने 20 मई 2020 को एक अध्यादेश पारित किया ताकि उच्च न्यायालय उनकी सैन्य अदालत द्वारा दी गई सजा की समीक्षा कर सके. अब, लगभग एक वर्ष के बाद, उन्होंने एक यू-टर्न ले लिया है और किसी प्रकार की समीक्षा के लिए अलग से अनुमति प्रदान करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया है. हमने पहले ही अध्यादेश की सामग्री पर अपनी गंभीर चिंताओं को व्यक्त किया है और बताया है कि यह आईसीजे के फैसले का उल्लंघन कैसे करता है. पाकिस्तान केवल भ्रम पैदा करना चाहता है.
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे बार-बार अनुरोधों के बावजूद, पाकिस्तान भारत को जाधव तक स्वतंत्र और अबाधित पहुंच से वंचित रखता है. भारत ने पाकिस्तान के बाहर के किसी वकील को किसी भी समीक्षा और पुनर्विचार कार्यवाही में जाधव के लिए उपस्थित होने की अनुमति देने के लिए बार-बार कहा है. पाकिस्तान ने इससे इनकार किया है. 2017 के बाद से, जब सैन्य अदालत ने एक मुकदमे की सुनवाई की, तो पाकिस्तान ने भारत को मामले में एफआईआर, सबूत, अदालत के आदेश आदि सहित किसी भी प्रासंगिक दस्तावेज को सौंपने से इनकार कर दिया.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि आईसीजे पहले ही यह मान चुका है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने इसके साथ ही यह भी कहा कि जाधव की सुरक्षा के लिए और भारत में उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी कोशिश करेगी. उसके लिए सभी उपयुक्त विकल्पों पर विचार किया जाएगा.