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इस्लामाबाद में बुधवार को भारत के उच्चायुक्त ने पाकिस्तान की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई किरपाल सिंह की मौत का मामला उठाया. जिसपर पाकिस्तान ने कहा है कि किरपाल की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है.
भारतीय दूत को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह किरपाल सिंह के पार्थिव शरीर को जल्द भेजने की मांग करें. किरपाल सिंह लाहौर की एक जेल में अपनी कोठरी में मृत पाए गए थे. वह वहां सिलसिलेवार विस्फोटों के एक मामले में 20 साल से अधिक समय से बंद थे.
पार्थिव शरीर को भारत भिजवाने की मांग
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, 'इस्लामाबाद में हमारे उच्चायुक्त को निर्देश दिए गए हैं कि वह किरपाल सिंह के मुद्दे पर आज दोपहर से पहले पाकिस्तान विदेश कार्यालय में यथासंभव उच्चतम स्तर पर बैठक करके सिंह के पार्थिव शरीर को जल्दी भिजवाने की मांग करें.' उन्होंने कहा, 'वह मौत की वजह और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि से जुड़ी आधिकारिक जानकारी भी मांगेंगे.'
25 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद
50 वर्षीय किरपाल सिंह जासूसी के आरोप में लगभग 25 साल से पाकिस्तानी जेल में बंद थे. सोमवार को वह अपनी कोठरी में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। किरपाल सिंह ने वर्ष 1992 में कथित तौर पर वाघा सीमा पार करके पाकिस्तान में प्रवेश किया था और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद उन्हें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सिलसिलेवार बम विस्फोटों के एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी.