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'लेडी सुपरकॉप' के नाम से मशहूर हैं ये IPS, अंडरवर्ल्ड में था इनका खौफ

'लेडी सुपरकॉप' मीरा बोरवंकर महाराष्ट्र कैडर की पहली महिला IPS अफसर हैं. मीरा 1981 बैच की IPS अधिकारी हैं. IPS अफसर बनने के बाद मीरा की पोस्टिंग महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों में हुई, जिसमें मुंबई सबसे महत्वपूर्ण रहा. माफियाराज को खत्म करने में मीरा बोरवकंर का अहम योगदान रहा है.

महाराष्ट्र की पहली महिला IPS अधिकारी हैं मीरा बोरवंकर महाराष्ट्र की पहली महिला IPS अधिकारी हैं मीरा बोरवंकर
राहुल सिंह
  • मुंबई,
  • 21 मई 2017,
  • अपडेटेड 6:01 PM IST

देश की बागडोर असल मायने में उन अफसरों के हाथों में होती है, जो पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते हैं. यदि नौकरशाही दुरुस्त हो तो कानून व्यवस्था चाक-चौबंद रहती है. जिस तरह से भ्रष्टाचार का दीमक नौकरशाही को खोखला किए जा रहा है, लोगों का उस पर से विश्वास उठता जा रहा है. लेकिन आज कुछ ऐसे भी IAS, IPS अफसर हैं, जो ईमानदारी के दम पर नौकरशाही की साख बचाए हुए हैं. उनके कारनामे आज मिसाल के तौर पर पेश किए जा रहे हैं. aajtak.in ऐसे ही प्रशासनिक और पुलिस अफसरों पर एक सीरीज पेश कर रहा है. इस कड़ी में आज पेश है, महाराष्ट्र में 'लेडी सुपरकॉप' के नाम से मशहूर IPS अफसर मीरा बोरवंकर की कहानीः

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'लेडी सुपरकॉप' मीरा बोरवंकर महाराष्ट्र कैडर की पहली महिला IPS अफसर हैं. मीरा 1981 बैच की IPS अधिकारी हैं. मीरा मूल रूप से पंजाब के फाजिल्का जिले की रहने वाली हैं. उनके पति अभय बोरवंकर रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं. रिटायर होने के बाद फिलहाल वह अपना बिजनेस संभाल रहे हैं.

IPS अफसर बनने के बाद मीरा की पोस्टिंग महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों में हुई, जिसमें मुंबई सबसे महत्वपूर्ण रहा. माफियाराज को खत्म करने में मीरा बोरवकंर का अहम योगदान रहा है. मीरा ने नौकरी के शुरूआती दौर में ही अपने तेवरों से साफ कर दिया था कि वह हर हाल में गुंडाराज का खात्मा करके रहेंगी.

मीरा मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन और डी कंपनी के सरगना दाऊद इब्राहिम से लेकर छोटा राजन गैंग के कई सदस्यों को सलाखों के पीछे धकेल चुकी हैं. मीरा जलगांव सेक्स रैकेट के खुलासे के बाद खासा सुर्खियों में आईं थीं. दरअसल साल 1994 में उनकी अगुवाई में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा किया था.

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इस रैकेट में स्कूल की बच्चियों से लेकर कॉलेज की लड़कियों तक को देह व्यापार के गोरखधंधे में धकेलने की बात सामने आई थी. इस रैकेट के खुलासे के बाद मीरा देशभर की मीडिया में सुर्खियों में छा गईं थीं. साल 2014 में आई रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म 'मर्दानी' मीरा बोरकंर के जीवन से ही प्रेरित थी.

याकूब मेमन की फांसी के समय मीरा बोरवंकर महाराष्ट्र की एडीजीपी (जेल) थीं. वह उन पांच अधिकारियों में शामिल थीं, जो मेमन की फांसी के समय जेल परिसर में मौजूद थे. गौरतलब है, मीरा अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम से लेकर कई वांटेड अपराधियों के भारत प्रत्यर्पण में अहम रोल निभा चुकी हैं.

मीरा बोरवंकर के पिता ओपी चड्ढा बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में थे. उनकी पोस्टिंग फाजिल्का में ही थी. इसी वजह से मीरा ने मैट्रिक तक की शिक्षा फाजिल्का में ही ली. इसके बाद 1971 में उनके पिता का ट्रांसफर हो गया. उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई जालंधर से की. देश की पहली महिला IPS अधिकारी किरण बेदी से प्रेरणा लेकर ही मीरा भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़ी थीं.

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