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मिसाल: UP में है 108 साल पुरानी गौशाला, मुस्लिम करते हैं पूजा-गौ सेवा

उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थ‍ित 108 साल पुराने गौशाला को चलाते हैं मुस्ल‍िम. जानिये कैसे करते हैं गौ पूजा और गौ सेवा...

गौशाला गौशाला

गायों की हत्या को लेकर मुस्ल‍िम समाज पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. पर मेरठ स्थ‍ित एक गौशाला में एक नई मिसाल देखने को मिली है, जहां गायों की देखरेख मुस्लिम करते हैं और यही नहीं वो गायों की पूजा भी करते हैं.

यह गौशाला उत्तर प्रदेश के मेरठ में है. गोपाल गौशाला 108 साल पुरानी गौशाला है, जहां 800 से ज्यादा गाएं हैं. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि गायों की देखरेख, उन्हें नहलाने और खिलाने का काम मुस्ल‍िम समुदाय के दो व्यक्त‍ि अलि हसन और नूर हसन करते हैं.

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अलि इस गौशाला में 13 साल की उम्र से काम कर रहे हैं और हर साल वो गोवर्धन पूजा भी करते हैं. अलि और नूर हसन के अलावा इस गौशाला में 60 लोग काम करते हैं.

दोनों दोस्तों से जब यह पूछा गया कि गौशाला में काम करने को लेकर आप पर कोई सवाल नहीं उठाता? इस सवाल पर नूर हसन ने कहा कि ये मेरा काम है और इससे मेरा परिवार चलता है. मेरा काम मेरे अल्लाह की तरह है मेरे लिए. इन गायों के जरिये मैं कमाता हूं और इन्हें मैं उतना ही प्यार करता हूं, जितना कि अपने परिवार को.

अलि और नूर हसन हर साल गोवर्धन पूजा में हिस्सा लेते हैं और अपने गायों की पूजा करते हैं.

बाजार में मीट बंदी को लेकर दोनों दोस्तों का कहना है कि इसका उनके जीवन पर कोई खास असर नहीं होने वाला. ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, घर में मीट आना बंद हो जाएगा. हो सकता है हमें मीट छोड़कर शाकाहार भोजन करना पड़े, यह कोई बड़ी बात नहीं है.

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गोपाल गौशाला में 800 गाय हैं, जिनमें सिर्फ 100 गाएं ही दूध देती हैं. बाकी गाएं या तो बूचड़खानों से बचाकर लाई गई हैं या उन किसानों की हैं, जो गायों का खर्च उठाने में असमर्थ हैं और इस वजह से अपनी गायों को यहां छोड़ गए हैं.

 

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