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मेरठ केस: पीड़ित लड़की का खुलासा- पुलिस ने मुस्लिम लड़के पर FIR का दबाव बनाया

यह घटना बीते रविवार की है, जब एक ही कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्रा एक घर के अंदर मौजूद थे. लड़की का कहना है कि वो दोनों वहां पढ़ाई कर रहे थे, इसी दौरान वहां बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता पहुंचे और उनके साथ बदसलूकी शुरू कर दी. इसके बाद जब पुलिस वहां पहुंची तो उन्होंने भी लड़की से अभद्रता की और उस पर लड़के के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का दबाव बनाया.

पीड़ित लड़की पीड़ित लड़की
जावेद अख़्तर/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:26 PM IST

उत्तर प्रदेश के मेरठ से पुलिस की गुंडागर्दी का जो वीडियो सामने आया है, उसने योगी सरकार के प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मुस्लिम लड़के से ताल्लुक होने पर पुलिस जवानों ने हिंदू धर्म की छात्रा के साथ न सिर्फ अभद्रता की, बल्कि उस पर अपने सहपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का दबाव भी बनाया.

इस मामले में पीड़िता ने आजतक से बातचीत में यूपी पुलिस पर कई गंभीर इल्जाम लगाए हैं. पीड़िता ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ पढ़ने के लिए उसके घर पर गई थी, जहां हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर तांडव मचाया. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस हम दोनों को अपने साथ ले गई.

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पीड़िता ने बताया, 'पुलिस मुझे और मेरे दोस्त को अलग-अलग गाड़ी में लेकर गई. मैं जिस गाड़ी में थी, उसमें मौजूद पुलिसवालों ने मेरे साथ बदतमीजी की. मुझ पर मुस्लिम लड़के से रिश्ते होने का आरोप लगाया. मेरा नकाब उतरवाया गया और गाड़ी में बैठे पुलिसकर्मी ने मेरा वीडियो बनाया और मेरे खिलाफ गंदी भाषा का इस्तेमाल किया.'

लड़के के खिलाफ केस करने का दबाव बनाया

पीड़िता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उन पर पुलिसकर्मियों ने इस बात के लिए दबाव बनाया कि वह लड़के के खिलाफ शिकायत दर्ज कराए. पीड़िता ने कहा, 'जब मुझे थाने ले जाया गया तो वहां पुलिसवालों ने मुझ पर लड़के के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए कहा. मैंने उनसे कहा कि हमारे बीच कोई गलत संबंध नहीं हैं, इसलिए मैं ऐसा नहीं कर सकती. इसके बाद पुलिसवालों ने कहा कि हम तुम्हें कुछ नहीं कहेंगे, बस तुम लड़के के खिलाफ केस करा दो, क्योंकि वह मुस्लिम है.'

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लड़की ने बताया कि जब मेरे घरवाले वहां पहुंचे तो पुलिस ने उनसे भी मेरे दोस्त के खिलाफ केस करने के लिए कहा. लेकिन मेरे घरवालों ने भी इनकार कर दिया. लड़की ने बताया कि उनके पास आर्य समाज की कोई महिला भी आई थी, जिसने कहा कि तुम हिंदू हो और लड़का मुसलमान है, तुम उससे कैसे शादी करोगी.

पीड़िता ने ये भी बताया कि वह जब अपने दोस्त के घर पर थी, तब वहां शुरुआत में 12-16 लोग आए थे, लेकिन बाद में जब पुलिस आई, तब वहां बड़ी संख्या में लोग आ गए. लड़की और उसकी मां ने आजतक के शो 'हल्लाबोल' में बताया कि थाने में भी बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मौजूद थे और वे उनपर दबाव बना रहे थे.

भीड़ के खिलाफ केस

इस मामले में अब पुलिस ने एक्शन लिया है और भीड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने 18 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है, जबकि 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है.

वहीं, एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने पुलिस वालों की इस हरकत को घोर कृत्य करार दिया है. उन्होंने बताया कि पुलिस वालों ने न सिर्फ मारपीट की है बल्कि खुद ही वीडियो बनाकर वायरल भी किया है. उन्होंने बताया कि चारों सिपाहियों को को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इनके खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई की जा रही है.

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बता दें कि ये वही चार लोग हैं, जो पुलिस वैन में पीड़ित लड़की के साथ बदसलूकी कर रहे थे. इनमें हेड कांस्टेबल सलेख चंद, कांस्टेबल नीटू और महिला कांस्टेबल प्रियंका सिंह थे. जबकि एक होमगार्ड का जवान भी गाड़ी में मौजूद था, जिसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.

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