
मैत्रीपाला सिरिसेना श्रीलंका के नए राष्ट्रपति होंगे. सालों से श्रीलंका की सत्ता पर काबिज महिंदा राजपक्षे को हराकर सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे सिरिसेना का जन्म 3 सितंबर 1951 को हुआ था. वह श्रीलंका के सातवें राष्ट्रपति के तौर पर जल्द शपथ लेंगे. पड़ोसी देश में सत्ता परिवर्तन से भारत को भी काफी उम्मीदें हैं. खासतौर से श्रीलंका में रह रहे तमिलों और चीन के मुद्दे पर सिरिसेना के रुख को देखते हुए संबंध और बेहतर होने की उम्मीद है. तो आइए जानते हैं श्रीलंका के भावी राष्ट्रपति के बारे में 10 रोचक बातें...
1- मैत्रीपाला सिरिसेना पिछले साल नवंबर तक महिंदा राजपक्षे की सरकार में मंत्री थे. अचानक एक दिन सिरिसेना जा पहुंचे राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के पास. दोनों लोग मिले खाना खाया और इसके बाद ही सिरिसेना ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देखते ही देखते वह फाइट 'अगेंस्ट करप्शन' का चेहरा बन गए.
2- मैत्रीपाला सिरिसेना ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वह श्रीलंका में संसदीय लोकतंत्र लाना चाहते हैं. फिलहाल भारत के पड़ोसी देश में राष्ट्रपति के पास असीमित ताकत है.
3- एक समय सिरिसेना LTTE के निशाने पर थे. उन्हें मारने के लिए LTTE ने पांच बार हमले किए थे. इनमें एक हमला 2008 में भी किया गया था, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे.
4- श्रीलंका के भावी राष्ट्रपति पर बगावत करने का भी आरोप लगा था. तब उन्हें करीब दो साल तक जेल में भी रहना पड़ा था. यह बात 1971 की है, जब उनकी उम्र 20 साल थी.
5- श्रीलंका के भावी राष्ट्रपति ज्यादातर राष्ट्रीय पोशाक पहनते हैं और अंग्रेजी नहीं बोलते हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई पोलोन्नरुआ के रॉयल कॉलेज में की. वह श्रीलंका के कृषि महाविद्यालय में भी तीन साल तक पढ़े.
6- मैत्रीपाला के पिता एलबर्ट मैत्रीपाला सेकेंड वर्ल्ड वॉर में लड़े थे. उनके पिता को पुरस्कार के रूप में 5 एकड़ धान के खेत मिले थे.
7- मैत्रीपाला 1983 में श्रीलंका फ्रीडम पार्टी की युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे.
8- युवावस्था में मैत्रीपाला मैत्रीपाला का वामपंथ की ओर झुकाव था, लेकिन बाद में वह श्रीलंका फ्रीडम पार्टी से जुड़ गए.
9- मैत्रीपाला 1989 में पोलोन्नरुआ से संसद के लिए चुने गए थे. 2005 में उन्हें महिंदा राजपक्षे ने अपनी सरकार में कृषिमंत्री बनाया था.
10- मैत्रीपाला देश के स्वास्थ्य मंत्री के अलावा कई बार देश के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं. इनका झुकाव भारत की ओर ज्यादा है. मैत्रीपाला चीन के साथ करीबी संबंधों के पक्षधर नहीं माने जाते हैं.