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खीर भवानी मेले पहुंचीं CM महबूबा, देखते ही कश्मीरी पंडितों का फूटा गुस्सा

खीर भवानी का मेला घाटी में कश्मीरी पंडितों का सब से खास त्यौहार है और कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन के बाद यह मेला विस्थापित पंडितों को एकदूसरे से मिलने का मौका देता है. यही कारण है कि अब इस मेले को 'मिलन का मेला' भी कहा जाता है.

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती
अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 02 जून 2017,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

कश्मीर घाटी में खीर भवानी मंदिर में शुक्रवार को हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने खीर भवानी मेले में शिरकत की. इस मौके पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी तुलमुला गांव पहुंचीं. लेकिन वहां उसे कुछ कश्मीरी पंडितो का गुस्सा भी झेलना पड़ा.

आपको बता दें कि, खीर भवानी का मेला घाटी में कश्मीरी पंडितों का सब से खास त्यौहार है और कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन के बाद यह मेला विस्थापित पंडितों को एकदूसरे से मिलने का मौका देता है. यही कारण है कि अब इस मेले को 'मिलन का मेला' भी कहा जाता है.

हजारों कश्मीरी पंडितों ने की पूजा
कश्मीर घाटी के तुलमुला में शुक्रवार को हजारों की तादाद में कश्मीरी पंडितों ने खीर भवानी के मेले में शिरकत कर इसे खास बना दिया. यहां हजारों साल पुराने मां दुर्गा के मंदिर में आज के दिन पूजा अर्चना पर कश्मीरी पंडितों की बड़ी मान्यता है.

इस रोज मंदिर जरूर पहुंचते हैं कश्मीरी पंडित
आतंकवाद के कारण कश्मीर से पलायन कर चुके कश्मीरी पंडित इस रोज मंदिर में हाजिरी देने से नहीं चूकते भले ही वे लोग कहीं भी क्यों न रहते हों. कश्मीर में चल रहे तनावपूर्ण हालात के बावजूद इस बार भी कश्मीरी पंडित यहां पहुंचे और उसी भाईचारे के साथ यहां के मुस्लिम समुदाय ने उनका स्वागत किया.

हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक
यह मेला कश्मीर में हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक भी है. इस मेले में घाटी की हिन्दू आबादी के साथ-साथ स्थानीय मुसलमान भी बढ़-चढ़ कर शामिल होते हैं. यहां तक की पूजा सामिग्री से लेकर श्रद्धालुओं की देखरेख का पूरा ख्याल स्थानीय मुस्लिम ही करते हैं.

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