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मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर: मोदी के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग नहीं रखेंगे राकेश ओम प्रकाश मेहरा

भाग मिल्खा भाग और रंग दे बसंती जैसी फिल्मों के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा का कहना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपनी अपकमिंग फिल्म Mere Pyaare Prime Minister की स्पेशल स्क्रीनिंग नहीं रखेंगे.

मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर फिल्म का पोस्टर मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर फिल्म का पोस्टर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

भाग मिल्खा भाग और रंग दे बसंती जैसी फिल्मों के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा का कहना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपनी अपकमिंग फिल्म Mere Pyaare Prime Minister की स्पेशल स्क्रीनिंग नहीं रखेंगे. फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के दौरान मेहरा ने कहा कि यह आज कल एक फैशन सा बनता जा रहा है.

जब राकेश से पूछा गया कि क्या वह प्रधानमंत्री के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग रखेंगे, निर्देशक का जवाब था, "नहीं, बिलकुल भी नहीं. हमारी ऐसी कोई प्लानिंग नहीं है. यह फैशन बनता जा रहा है. मैं ऐसी चीजों से दूर रहना चाहूंगा." उन्होंने कहा, "यह सब मुझे सूट नहीं करता है. लेकिन यदि वह मेरी फिल्म देखना चाहेंगे तो यह मेरे लिए गर्व की बात होगी."

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राकेश ने कहा, "मुझे लगता है कि ये फिल्म देश के लोगों के लिए बनाई गई है और कहीं न कहीं मैं नहीं चाहता हूं कि वह सब हल्का हो जाए. वह एक बहुत ही व्यस्त शख्स हैं जो कि देश को चला रहे हैं. उनके 3 घंटे मिल पाना जो कि वह राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय फैसलों में खर्च कर सकते हैं."राकेश से पूछा गया कि क्या फिल्म इस साल होने वाले चुनावों पर किसी तरह का असर डालेगी. इसके जवाब में उन्होंने कहा, "यह चुनावों पर किसी तरह का प्रभाव नहीं डालेगी और इसे डालना भी नहीं चाहिए. फिल्म का काम चुनावों को प्रभावित करना नहीं है. मेरा काम है ऐसी फिल्में बनाना जो कि लोगों से सरोकार रखती हों."राकेश ने अपनी फिल्म की तुलना किताब से करते हुए बताया, "हमने अपनी जिंदगी में जो सबसे अच्छे नॉवल या किताबें पढ़ीं, हम नहीं जानते कि वो हमने कब पढ़ी हैं. हमें फर्क नहीं पड़ता कि हमने कब पढ़ा या कब फिल्म देखी, हमारे लिए वह विशिष्ट फिल्म प्रिय होती है."

क्या है फिल्म की कहानी:

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फिल्म की कहानी एक 8 साल के बच्चे के बारे में है जो अपनी मां के साथ हुई दहला देने वाली घटना के बाद देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखता है. इतना ही नहीं वह स्लम में उसके साथ रहने वाले दोस्तों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने के लिए पीएमओ तक चला जाता है. क्या पीएम उससे मुलाकात करते हैं? क्या उसे न्याय मिल पाता है? उसे प्रधानमंत्री से मिलने के लिए किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है? यही फिल्म की कहानी है.

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