
जनता परिवार में विलय पर बढ़ते असमंजस के बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने हुंकार भरी है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि विलय हो ना हो लेकिन गठबंधन के जरिए बीजेपी को रोकना ही सबसे बड़ा मकसद है. बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व जनता परिवार के विलय में तकनीकी दिक्कत होने के समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव के बयान की ओर इशारा करते हुए लालू ने गुरुवार को कहा कि इसका समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए गठबंधन बनाकर या जैसे भी संभव हो, इस साल के अंत में होने वाला वह बिहार विधानसभा चुनाव लडेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री और अपनी पत्नी राबड़ी देवी के आवास पर आरजेडी विधायकों के साथ बैठक के बाद गुरुवार देर शाम लालू ने कहा कि हमलोग जनता परिवार के विलय के प्रबल समर्थक हैं. बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए हमारी पार्टी ने पूर्व में नीतीश कुमार और उसके बाद जीतन मांझी सरकार और वर्तमान में भी नीतीश सरकार को समर्थन दिया है.
'बीजेपी को हराना ही मकसद'
गौरतलब है कि गत रविवार को रामगोपाल यादव ने कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व तकनीकी कारणों से विलय की कोई संभावना नहीं है. हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत सोमवार को इस विचार की अनदेखी करते हुए कहा था कि विलय की प्रक्रिया सही रास्ते पर धीरे-धीरे बढ़ रही है पर आरजेडी सुप्रीमो ने इसमें तकनीकी बाधा को मानते हुए कहा कि इसका समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
बिहार विधान परिषद के 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के बारे में लालू ने कहा कि उक्त चुनाव लड़ने वाले जेडीयू और अन्य दलों के साथ वार्ता जारी है. लालू ने केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है. भाषण के अलावा एक काम भी पूरा नहीं हुआ. लोकसभा चुनाव पूर्व मोदी ने जो भी वादे किए उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ.
'मोदी के राज में किसी के अच्छे दिन नहीं आए'
उन्होंने आरोप लगाया कि किसी तबके को मोदी सरकार के कार्यकाल में राहत नहीं मिली और कोई काम नहीं हो रहा है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पार्टी सांसदों को बिहार विधानसभा चुनाव में लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए अगले तीन महीने के दौरान हरेक गांव जाने का कार्य दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर लालू ने कहा कि यह सभी सांसदों के लिए परेशानी वाला है. उन्होंने सवाल किया कि क्या सांसद इतनी गर्मी में जहां बिजली और एसी नहीं है, जाएंगे? उन्होंने कहा कि उससे भी बड़ी समस्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सांसदों को आदर्श गांव चुनने का निर्देश दिया जाना है. एक गांव को आदर्श चुनने पर सभी सांसदों को चुनाव में जनता का आक्रोश झेलना पड़ेगा.
'आरक्षण मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाए राज्य सरकार'
उन्होंने पटना हाई कोर्ट न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति को प्रोन्नति में आरक्षण दिए जाने को निरस्त कर दिए जाने के बारे में कहा कि कोर्ट के इस फैसले से दलित समुदाय में अंसतोष है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में ले जाए. लालू ने कहा कि नेपाल से लेकर बिहार में भूकंप के बाद राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों में और भी तेजी लाई जानी चाहिए और इस आपदा में मरने वाले आश्रितों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये दिए जाएं. उन्होंने कहा कि नियोजन पर बहाल शिक्षकों और अन्य कर्मियों के मांगों का समाधान सरकार जल्द करे.
इनपुटः भाषा से