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मानव संसाधन मंत्रालय ने रैगिंग रोकने के लिए अलॉट किए 5 करोड़...

इन दिनों देश के तमाम शैक्षणिक संस्थानों में नए सत्र की शुरुआत हो रही है. इसके मद्देनजर मानव संसाधन मंत्रालय ने रैगिंग की रोकथाम के लिए यूजीसी को 5 करोड़ रुपये जारी किए हैं...

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विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST

अब जब कि देश कि सारे कॉलेज और विश्वविद्यालयों में नए सत्र की शुरुआत हो रही है. नए स्टूडेंट दाखिला ले रहे हैं, तो इसी के मद्देनजर मानव संसाधन मंत्रालय ने रैगिंग पर रोक लगाने के लिए फंड जारी किया है.
ऐसा लंबे समय से देखा जाता रहा है कि कई तरह के जागरुकता अभियान चलाने के बावजूद अब भी कॉलेज व कैंपसों में रैंगिंग जारी है.
अब जब कि देश के बहुप्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय में भी बीते 20 जुलाई से नए सत्र की शुरुआत की है. मंत्रालय ने भी देश के सारे विश्वविद्यालयों को देखते हुए फंड जारी किए हैं. इस बाबत पूरी जानकारी प्रकाश जावड़ेकर ने साझा की है.

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प्रपोजल का डिटेल...

  • मानव संसाधन मंत्रालय ने यूजीसी को 5 करोड़ रुपये दिए हैं ताकि वे रैगिंग को लेकर देश के तमाम उच्च संस्थानों में जागरुकता अभियान चला सकें.
  • इसके अलावा यूजीसी ने स्टूडेंट, शिक्षकों और आम जनता के बीच भी जागरुकता फैलाने की बात कही है.
  • यूजीसी ने रैगिंग की रोकथाम के मद्देनजर पोस्टर, लोगो, आइकन डिजाइनिंग, स्लोगन और लेख प्रतियोगिता के आयोजन की बात कही है.
  • अब तक देश के अलग-अलग हिस्सों से रैगिंग के 390 मामले प्रकाश में आए हैं. इनमें से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

हालिया बयान में मंत्रालय ने कहा है कि यूजीसी ने अब तक 4.78 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इनमें दूरदर्शन पर एंटी रैगिंग कैंपेन चलाना, NFDC द्वारा फिल्मों का निर्माण, एफएम रेडियो से कवरेज, DAVP द्वारा पोस्टरों की प्रिंटिंग और मेलिंग और प्रसार भारती के माध्यम से ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारण भी शामिल है. इसके अलावा मंत्रालय ने कहा कि रैंगिंग की परिभाषा को भी विस्तार दिया गया है.

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