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Twitter पर महिला पत्रकार से भि‍ड़ीं स्मृति ईरानी, आरोप-प्रत्यारोप का चला दौर

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी सोमवार को ट्विटर पर एक महिला पत्रकार के साथ भि‍ड़ गईं. इस दौरान दोनों के बीच खूब वाद-विवाद हुआ. एक आर्थिक अखबार की पत्रकार ने अपनी खबर में दावा किया था कि मंत्री ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में केंद्रीय विद्यालय स्कूलों में पांच हजार से अधिक दाखिले की सिफारिश की है.

मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी सोमवार को ट्विटर पर एक महिला पत्रकार के साथ भि‍ड़ गईं. इस दौरान दोनों के बीच खूब वाद-विवाद हुआ. एक आर्थिक अखबार की पत्रकार ने अपनी खबर में दावा किया था कि मंत्री ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में केंद्रीय विद्यालय स्कूलों में पांच हजार से अधिक दाखिले की सिफारिश की है.

ट्विटर पर एक पोस्ट में मंत्री ने खबर पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 'मैं आपके सूत्र आधारित एजेंडे को समझती हूं और मैंने इसके लिए अवमानना की बात को सार्वजनिक किया है.' अपनी रिपोर्ट में संवाददाता ने दावा किया था कि स्मृति ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालयों में पांच हजार प्रवेशों का आग्रह किया है जो पूर्व मंत्रियों के कोटा स्तर से चार गुना ज्यादा है.

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एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने कहा, 'विभिन्न दलों के सांसदों और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों से आग्रहों के अनुसार सभी प्रवेश दर्ज कराए गए. आपका सूत्र आधारित झूठ हमेशा की तरह तथ्यों को नजरअंदाज करता है.' इस पर संवाददाता ने स्मृति का जवाब देते हुए कहा कि मंत्री के रूप में आपका पूरा सम्मान करते हुए वह कहना चाहती हैं कि वह शुक्रवार से मंत्रालय के नजरिए का आग्रह कर रही हैं, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.

स्मृति ने महिला पत्रकार के पोस्ट का जवाब देते हुए कहा, 'दो लाइन हमारी और बाकी का वर्जन (नजरिया) आपका. वैसे सम्मान नहीं भी करें तो कोई फर्क नहीं पड़ता.' इस पर, एक व्यक्ति ने लिखा कि संकट में फंसने पर संदेश देने वाले को ही निशाना बनाया जा रहा है. ऐसा पहली बार नहीं है. मंत्री ने जवाब में कहा, 'मुश्किल में नहीं हैं सर. बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में, मैंने प्रक्रिया का पालन किया.' स्मृति ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब संवाददाता ने 'एजेंडा' चलाया. एक अन्य पत्रकार ने अपनी टिप्पणी में कहा, 'यह सरकार किस स्तर पर जाकर खड़ी है. एक मंत्री की तरफ से ऐसी टिप्पणी आई है.' मंत्री ने जवाब दिया, 'सर, ऐसा लगता है कि मैंने अभिव्यक्ति का अधिकार खो दिया है. क्या बात रखने का मेरा अधिकार आपकी पूर्व मंजूरी का मोहताज है?' मंत्री और अन्य लोगों की टिप्पणी पर सोशल नेटवर्किंग साइट पर खूब चर्चा हुई.

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