
नागालैण्ड का उग्रवादी संगठन नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैण्ड- खापलांग (NSCN-K) प्रदेश के ग्रामीण इलाकों से लड़कों का अपहरण कर रहा है. ऐसा करके वो अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है. यह गिरोह नागालैण्ड और म्यांमार की सीमा से जवान लड़कों का अपहरण करके उन्हें जबरदस्ती अपने हथियारबंद ग्रुप में शामिल कर रहा है.
मणिपुर के चंदेल इलाके बीती 4 जून को सेना पर हमला करने वाला कोई और नहीं बल्कि उग्रवादी संगठन नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैण्ड- खापलांग ही था. उस हमले में सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे. उसी हमले के बाद इस उग्रवादी संगठन ने 9 युवकों का अपहरण करके उन्हे ट्रेनिंग के लिए म्यांमार भेज दिया था.
दरअसल, ये संगठन युवकों का अपहरण करके उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग देता है. और फिर उन्हे अपने संगठन में शामिल होने के लिए मजबूर करता है. उग्रवादियों की यह हरकत सरकार के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. इसीलिए नागालैण्ड की एक सरकारी सुरक्षा एजेंसी ने इस संदर्भ में गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भी भेजी है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक अपहरण की इन वारदातों को NSCN-K के तीन वरिष्ठ सदस्य अंजाम दे रहे हैं. जिसमें सबसे बड़ा नाम है एस.एस. खापलांग का, जो इस संगठन का मुखिया है. दूसरे सदस्य हैं ब्रिगेडियर कुरीशू और निकी सूमी. ये दोनों म्यांमार में रहकर ट्रेनिंग का काम देखते हैं.
इन कुख्यात उग्रवादियों ने बीती 11 जून को भी एक वारदात को अंजाम दिया था. जिसमें इन्होंने 9 युवकों का अपहरण कर लिया था. सभी युवक म्यांमार बॉर्डर पर मौजूद फेक जिले के पोख्मग्री गांव के रहने वाले थे. अगले दिन इन सभी को बॉर्डर पार म्यांमार ले जाया गया.
जहां इन युवकों को हथियार की ट्रेनिंग दी गई और गिरोह में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया. अगवा किए गए 9 युवकों में 3 किसी तरह वहां से भाग निकले और वापस अपने घर आ गए. जबकि लोसेतु, दिसैलो, रचनहु, एच. त्सासुतु, तेंथु और अनोपो नामक 6 युवक अभी भी वहां फंसे हुए हैं.
सूत्रों के मुताबिक नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैण्ड - खापलांग नाम के इस उग्रवादी संगठन का मकसद अपने गिरोह का विस्तार करना है. और इसी मकसद को पूरा करने के लिए इन उग्रवादियों ने यह नया तरीका अपनाया है.