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क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे? केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने दिया ये जवाब

जब केंद्रीय मंत्री शेखावत से पूछा गया कि क्या आप राजस्थान के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा कि मुझको जो काम मिला है, वो इतना अहम है कि आगे सोचने की जरूरत ही नहीं है. मुझे लगता है कि ऐसे भविष्य के सवालों पर चिंता और चर्चा नहीं करनी चाहिए. हमको वर्तमान की चिंता करनी चाहिए.

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Courtesy- India Today) केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Courtesy- India Today)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:58 PM IST

  • केंद्रीय मंत्री बोले- ऋषिकेश तक अगले कुंभ तक आचमन योग्य हो जाएगी गंगा
  • शेखावत ने कहा- अशोक गहलोत के बेटे को लोकसभा चुनाव में जनता ने हराया

इंडिया टुडे के कार्यक्रम इंडिया टुडे माइंड रॉक्स 2019 में शनिवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हिस्सा लेने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जल संरक्षण से लेकर राजस्थान में बीजेपी के लीडरशिप तक के सवालों के जवाब दिए. जब केंद्रीय मंत्री शेखावत से पूछा गया कि क्या आप राजस्थान के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा, 'मुझको जो काम दिया गया है, वो इतना अहम है कि आगे सोचने की जरूरत ही नहीं है. मुझे लगता है कि ऐसे भविष्य के सवालों पर चिंता और चर्चा नहीं करनी चाहिए. हमको वर्तमान की चिंता करनी चाहिए.'

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जब शेखावत से सवाल किया गया कि राजस्थान की हाई प्रोफाइल जोधपुर लोकसभा सीट पर आपके विपक्षी को आपने हराया या फिर राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने हराया, इस पर शेखावत ने मुस्कुराते हुए कहा कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जोधपुर की जनता ने हराया.

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में शेखावत ने जोधपुर लोकसभा सीट से वैभव गहलोट को पटखनी दी थी. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में सभी 545 संसदीय क्षेत्र से सिर्फ एक ही आदमी यानी पीएम मोदी ने चुनाव लड़ा था.

गंगा की सफाई की नहीं कर सकते डेडलाइनः शेखावत

जब शेखावत से सवाल किया गया कि उमा भारती ने कहा था कि या तो गंगा साफ कर दूंगी या फिर जल समाधि ले लूंगी. इसके बाद गडकरी भी आए, तो उन्होंने मार्च तक गंगा साफ करने की डेडलाइन दी थी, लेकिन आज तक गंगा साफ नहीं हो पाई. अब आपकी गंगा सफाई को लेकर क्या प्रतिबद्धता है, तो शेखावत ने कहा कि आज गंगा दुनिया की सबसे साफ नदियों में से एक है. गंगा की स्वच्छता की तारीख नहीं तय की जा सकती है, लेकिन गंगा को स्वच्छ करना हम सबकी प्रतिबद्धता है.

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शेखावत बोले- अगले कुंभ तक गंगा हो जाएगी आचमन योग्य

इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, 'मैं आज इतना वादा करता हूं कि अगले कुंभ तक गंगोत्री से लेकर ऋषिकेश तक गंगा आचमन के योग्य हो जाएगी. गंगा नदी में ऋषिकेश तक किसी भी तरह का गंदा पानी जाना पूरी तरह बंद हो जाएगा.' इस दौरान उन्होंने कहा कि जर्मनी की नदी राइन को साफ होने में भी 30 साल लगे. मैं मानता हूं कि ऋषिकेश से प्रयागराज तक गंगा को सफाई करना बड़ी चुनौती हैं.

जल संरक्षण के लिए मोदी ने बनाया जलशक्ति मंत्रालय

जल संरक्षण के सवाल पर जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पानी दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती है. पानी का कोई भी ऐसा पक्ष नहीं है, जिसको नजरअंदाज किया जा सके. पीएम मोदी ने इसके लिए अलग जलशक्ति मंत्रालय बनाया है. उन्होंने कहा कि पानी के परिपेक्ष्य में भारत दुनिया का सबसे खुशहाल देश है. भारत में सबसे ज्यादा बरसात होती है. भारत में बर्फ और बारिश से काफी मात्रा में पानी आता है. हमारे सामने पानी का प्रबंधन करने की चुनौती है. इजरायल में भारत की बारिश का 10 फीसदी बारिश होती है, लेकिन इजरायल जल प्रबंधन में माहिर है.

जब उनसे कहा गया कि पानी को लेकर कई राज्यों में लड़ाई हो रही है. राजस्थान के ही कई संसदीय क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पानी के मुद्दे पर चुनाव लड़े जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जिस लक्ष्य को लेकर चली है, उसको पूरा करेंगे. हर घर तक पानी पहुंचाना कोई चुनौती नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि जलशक्ति मंत्रालय में पानी के संरक्षण को लेकर युवाओं की कैसे मदद ली जा सकती है, तो उन्होंने कहा कि जिस तरह से सफाई अभियान में सबसे ज्यादा योगदान युवाओं ने किया. इससे दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है. इसी तरह जल संरक्षण में भी युवाओं का योगदान लिया जा रहा है.

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इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी लक्ष्य को पाने के लिए पॉलिटिकल कमिटमेंट, पब्लिक इन्वेस्टमेंट और जनता की पार्टनरशिप जरूरी होती है. उन्होंने कहा कि 30 जून को पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम में पानी संरक्षण को लेकर अपील की थी, जिसके बाद से गूगल में लोगों ने पानी बचाने के तरीके खोजने शुरू कर दिए. इससे साफ है कि लोग अब जल संरक्षण को अभियान की तरह चला रहे हैं.

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