
ओडिशा में कुपोषित बच्चों के लिए फंड में अनियमितताओं मामले में लोकायुक्त ने 6 बाबुओं को नोटिस जारी किया है. मामला ओडिशा के नगाड़ा गांव है. बता दें 2016 में यह गांव कुपोषण के मामलों को लेकर सुर्खियों में रहा था. कुपोषण के कारण 2016 में यहां जुआं जनजाति के 21 बच्चों की मौत हो गई थी. जजपुर जिले में स्थित नगाड़ा गांव राजधानी भुवनेश्वर से 100 किमी की दूरी पर है.
लोकायुक्त ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जिला ग्रामीण विकास संस्था (DRDA), बीडीओ, सुकिंदा एक्जिक्यूटिव इंजीनियर, ग्रामीण विकास और धबलगिरि, ग्रामीण जल आपूर्ति (RWSS) एक्जिक्यूटिव इंजीनियर और जिला समाज कल्याण अधिकारी को नोटिस जारी किया है. सभी को 6 महीने के अंदर नोटिस का जवाब देना है. मामले में अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी.
आरटीआई एक्टिविस्ट प्रदीप प्रधान की 8 पन्नों की रिपोर्ट के बाद लोकायुक्त ने आदेश जारी किया. प्रदीप प्रधान की अध्यक्षता में भुवनेश्नर स्थित एक सिविल सोसाइटी ग्रुप की 5 सदस्यी टीम ने गांव का दौरा किया था. टीम ने अपनी जांच में सब-स्टैंडर्ड वर्क, BPGY योजना के तहत बनने वाले घरों की लॉ क्वॉलिटी, बिजली-पानी की सप्लाई नहीं होने और फूड सिक्योरिटी प्रोग्राम फेल होने जैसी कई अनियमितताएं पाई थीं.
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याचिकाकर्ता के मुताबिक, राज्य सरकार ने गांव में विभिन्न विकास कार्यों के लिए लगभग 23 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए. बता दें 3 अक्टूबर को NHRC ने ओडिशा सरकार से गांव में कुपोषण रोकने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर रिपोर्ट भी तलब की थी. 2016 में बच्चों की मौत के बाद गांव के लिए 23 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया था.