
नोएडा से चार दिन से लापता फैशन डिजाइनर शिप्रा मलिक का पता चल गया है. शिप्रा को पुलिस ने गुड़गांव से सही सलामत बरामद कर लिया है. दरअसल, पुलिस के मुताबिक अभी तक कोई अपहरण की बात सामने नहीं आई है. डीआईजी मेरठ ने बताया कि वह अपनी मर्जी से घर छोड़कर चली गई थी.
अपनी मर्जी से गई थी शिप्रा
मेरठ रेंज की डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने खुलासा किया है कि पारिवारिक विवाद के चलते फैशन डिजाइनर शिप्रा मलिक अपनी मर्जी से घर छोड़कर गई थी. अभी तक अपहरण की कोई बात सामने नहीं आई है. टीवी पर अपने परेशान बच्चे और परिवार को दुखी देखकर वो वापस आ गई.
टीवी शो देखकर मिला था आइडिया
डीआईजी ने खुलासा किया कि शिप्रा ने टीवी शो क्राइम पेट्रोल देखकर यह सारी साजिश रची थी. वहीं से उसके दीमाग में यह सारा प्लान आया था. मेडिकल जांच के दौरान उसे किसी प्रकार की कोई चोट भी सामने नहीं आई है. गुड़गांव आ जाने के बाद बीती रात एक और डेढ़ बजे के बीच उसने अपने पति को फोन किया था. और बताया था कि वह गुड़गांव में कहां है. अब पुलिस शिप्रा के बयान की जांच कर रही है.
पहले अपहरण का शक था
पहले ये बात सामने आई थी कि शिप्रा ने खुद अपहरण की साजिश रची थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक शिप्रा जयपुर के पास एक आश्रम में जाकर रुकी थी. वह अपनी दुकान के विवाद और लोन को लेकर परेशान चल रही थी. इस साजिश में उसके भाई के शामिल होने का शक भी जताया जा रहा है.
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सात सेकेंड की पीसीआर कॉल भी इसी साजिश का हिस्सा थी. ताकि किसी को शक न हो. उधर, शिप्रा के ससुराल वालों का कहना है कि उन्होंने आईजी मेरठ से बात की थी. आईजी ने उन्हें बताया कि शिप्रा पूरी तरह सुरक्षित है. और फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं आई थी.
पुलिस कर रही है पूछताछ
पुलिस के मुताबिक शिप्रा को आखिरी बार एक बैंक में जाते हुए देखा गया. बैंक की सीसीटीवी फुटेज से यह खुलासा हुआ है. जानकारी मिली है कि पुलिस अब शिप्रा से पूछताछ कर रही है. पुलिस जानना चाहती है कि आखिर वो कहां थी. कैसे वो लापता हुई. और इस घटना के पीछे कौन है. इस संबंध में अब तक किडनैपिंग का मामला दर्ज नहीं होने पर पुलिस ने विभागीय जांच बैठा दी है.
चांदनी चौक काम से गई थी शिप्रा
घरवालों के मुताबिक, बुटीक चलाने वाली शिप्रा मलिक सोमवार को दिल्ली के चांदनी चौक किसी काम से निकली थी. वो सफेद रंग की अपनी स्विफ्ट कार से घर से निकली थी. लेकिन वापस नहीं लौटी. इसके बाद उसके परिवार वालों ने सेक्टर-20 थाने में शिप्रा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. तफ्तीश में निकली पुलिस को शिप्रा की कार सेक्टर-29 में विजया एंक्लेव के पास सड़क किनारे लावारिस हालत में मिली.
ड्राइवर सीट के गेट की विंडो खुली हुई थी. गेट खोला तो चाबी ब्रेक के पास नीचे पड़ी हुई थी. पुलिस को शिप्रा के मोबाइल की आखिरी लोकेशन सोमवार दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर दिल्ली के लाजपत नगर फ्लाईओवर के पास की मिली थी. उसके गायब होने के बाद हालांकि फिरौती की कोई कॉल भी नहीं आई. लेकिन पुलिस अपहरण के एंगल से भी जांच में जुटी थी. शिप्रा जिन रास्तों से गुजरी वहां के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए.
पुलिस ने खंगाली सीसीटीवी फुटेज
शिप्रा की गुमशुदगी ने उसके घरवालों से लेकर पुलिसवालों तक को उलझा दिया था. इसे लेकर सबके दिमाग में कई सवाल थे. लेकिन ऐसे ही दूसरे मामलों की तरह इसमें भी पुलिस का सारा जोर साइंटिफिक इनवेस्टिगेशन पर था. पुलिस शिप्रा के मोबाइल फोन की डिटेल से लेकर आस-पास के तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही थी, ताकि उसका कहीं कोई सुराग मिल सके. लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा पता चला, जिसने मामले को और उलझाया.
सुराग ने उलझाया
पुलिस को एक ऐसी बात पता चली थी जिसने उसे एक सुराग तो दिया, लेकिन इससे मामला सुलझने की बजाय और थोड़ा उलझा दिया. पुलिस ने जब उसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकाली, तो पता चला कि दोपहर के दो बजकर 56 मिनट पर दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम में एक कॉल की गई थी. ये कॉल फकत 7 सेकेंड की थी. तब इस फोन का लोकेशन दिल्ली का लाजपत नगर फ्लाइओवर था. इसके बाद फोन स्वीच्ड ऑफ हो गया था.
सात सेकेंड की कॉल का राज
नोएडा पुलिस ने दिल्ली पुलिस से सात सेकेंड की उस कॉल के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की. लेकिन वहां कॉल रिसीव होने के अलावा शिप्रा के बारे में कोई और जानकारी नहीं मिल सकी. मसलन, कॉल किसने किया था? क्यों किया था? उसने क्या कहा था? दरअसल, सिर्फ सात सेकेंड के इस कॉल में कोई बातचीत नहीं हुई थी. लेकिन नोएडा में लावारिस मिली शिप्रा की कार और इस कॉल से कुछ बातें तो साफ हो गईं.
दुकान को लेकर विवाद
शिप्रा मलिक या तो लाजपत नगर की तरफ गई या फिर ले जाई गई. इस दौरान उसके मोबाइल फोन से पुलिस को भी कॉल करने की कोशिश हुई. हालांकि, छानबीन में ये जरूर पता चला कि उसकी अपनी बूटीक शॉप को लेकर सेक्टर 29 के ही एक शख्स से साल 2011 से ही कानूनी लड़ाई चल रही थी, जिसकी दुकान में कभी शिप्रा की बूटीक शॉप चलाया करती थी. पुलिस इस मामले को भी ध्यान में रखकर जांच कर रही है.
कॉमन फ्रेंड ने कराई थी चेतन से मुलाकात
बताते चलें कि शिप्रा मलिक ने दिल्ली की पर्ल एकेडेमी से 2005 में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया था. एक कॉमन फ्रेंड के जरिए पहली बार वह अपने पति चेतन मिली थी. चेतन के पेशे से प्रॉपर्टी डीलर हैं. दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में तब्दील हो गई. इसके बाद दोनों ने शादी कर ली. दोनों को सवा साल का एक बेटा भी है, जो अपनी मां की गुमशुदगी के बाद से सदमे में है. परिवार की भी रो-रो कर बुरा हाल. शिप्रा का कुछ भी पता नहीं है.
परवेज़ सागर