
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) पार्टी मुख्यालय पहुंचकर पदभार संभालने के बाद अब चुनावी मोड में उतर आई हैं. कांग्रेस महासचिवों और विभिन्न प्रदेश के प्रभारियों की आज बैठक हुई. बैठक में प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं. ये पहली बार है जब प्रियंका पार्टी की किसी आधिकारिक बैठक में शिरकरत कीं. सूत्रों के मुताबिक बैठक में प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं युवा और नई हूं, मुझे आप सबका समर्थन चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं जमीन पर काम करूंगी.
उन्होंने कहा कि 2019 में मिलकर पूरी ताकत से लड़ेंगे. उसके बाद आगे यूपी में सरकार बनाने के लिए भी पूरी ताकत लगाएंगे. वहीं उन्होंने कहा कि वह 11 फरवरी को लखनऊ जाएंगी. प्रियंका गांधी के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया और राहुल गांधी भी लखनऊ जाएंगे. वहीं राहुल गांधी और सिंधिया 12 से 14 फरवरी के बीच प्रदेश कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात करेंगे.प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का जो भी आदेश होगा वो मैं मानूंगी. मैं सिर्फ 2019 के लिए नहीं लंबे वक़्त के लिए यूपी जा रही हूं.
बैठक में प्रियंका गांधी से बाकी राज्यों में भी कैंपेन करने की मांग की गई. वहीं कुछ नेताओं ने प्रियंका को स्टार प्रचारक बनाने की मांग की. सूत्रों के मुताबिक बैठक में मौजूद 3 नेताओं ने मांग की कि प्रियंका को पूर्वी यूपी की कमान मिली है, लेकिन वे देशभर में प्रचार करें.
पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार मिलने के बाद प्रियंका यहीं से लोकसभा चुनाव का आगाज करेंगी. बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह बैठक लोकसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर बुलाई थी.
पहली बार है कि राहुल और प्रियंका संयुक्त रूप से आधिकारिक बैठक किए. कांग्रेस महासचिवों की ये बैठक जवाहरलाल नेहरू इनडोर स्टेडियम में हुई.
प्रियंका इस मीटिंग में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बैठी, जबकि राहुल केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खडगे और गुलाम नबी आजाद के साथ बैठे. कांग्रेस में जिम्मेदारी मिलने के बाद से ही प्रियंका चर्चाओं में बनी हुई हैं.
दरअसल, कांग्रेस नेतृत्व ने पहले ही महसूस कर लिया है कि अतीत में जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की अनुपस्थिति के चलते पार्टी का बहुत नुकसान हो चुका है. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान प्रबंधन और बढ़ते जमीनी स्तर के कार्यकर्ता दोनों की एक व्यवस्थित रणनीति लागू की गई थी. इसका फायदा भी पार्टी को मिला और तीन राज्यों में सरकार बनी.
राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस महासचिवों की साथ बैठक में विभिन्न राज्यों में प्रचार और प्रसार पर राज्य-जिलों-केंद्र रणनीति को शामिल करना शामिल है.