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योगी, मौर्या समेत 5 बीजेपी नेताओं ने MLC चुनाव के लिए भरा पर्चा, निर्विरोध चुने जाएंगे

यूपी में बीजेपी के पांचों मंत्री विधान परिषद सदस्य के लिए आज नामांकन पत्र भरेंगे और तय समय सीमा से पहले सदन के सदस्य होंगे.ऐसे में किसी मंत्री सेफ जोन में है.

सीएम योगी आदित्यनाथ सहित दोनों उपमुख्यमंत्री (फाइल फोटो) सीएम योगी आदित्यनाथ सहित दोनों उपमुख्यमंत्री (फाइल फोटो)
कुबूल अहमद
  • लखनऊ,
  • 05 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

उत्तर प्रदेश में पांच MLC पद के लिए बीजेपी के पांचों उम्मीदवार ने आज नामांकन पत्र भरा. इनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और मोहसिन रजा शामिल हैं. विपक्षी पार्टी की तरफ से कोई भी उम्मीदवार  नहीं है. ऐसे में बीजेपी के सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध MLC बनना तय है.

बता दें कि अभी यूपी सरकार में सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा चार मंत्री ऐसे थे जो फिलहाल न तो विधायक हैं और न ही MLC. ऐसे में उन्हें मंत्री पद पर बनने रहने के लिए 6 महीने के अंदर सूबे के किसी एक सदन का सदस्य होना लाजमी था. ऐसे में इन मंत्रियों का 19 सितंबर को 6 महीने पूरे हो रहे हैं, इस डेट लाइन से पहले इन्हें सदन का सदस्य बनना होगा. इसी मद्दे नजर आज बीजेपी के पांचों मंत्री विधान परिषद सदस्य के लिए आज नामंकन पत्र भरा है.

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पांच MLC के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट

पिछले दिनों सूबे के  पांच MLC ने अपने पदों से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा है. इनमें चार एसपी और एक बीएसपी MLC थे. एसपी के यशवंत सिंह, अशोक वाजपेयी, सरोजिनी अग्रवाल और बुक्कल नवाब तो वहीं बीएसपी के जयवीर सिंह ने भी इस्तीफा दिया था. लेकिन चुनाव आयोग ने पांच सीटों के बजाए चार सीटों पर चुनाव कराने का फैसला किया था. जयवीर सिंह के कार्यकाल का एक साल से कम का समय बचे होने मना कर दिया था. लेकिन बाद में चुनाव आयोग ने दोबारा से अधिसूचना जारी करके रिक्त हुई जयवीर सिंह की सीट  पर चुनाव कराने फैसला किया है. इससे बीजेपी के सभी सदस्यों की राह आसान हो गई है.

दरअसल चुनाव आयोग पांच MLC सीटों में से चार सीटों पर मध्यावधि चुनाव कराने के फैसला नहीं बदलता तो ऐसे में योगी सरकार के किसी एक मंत्री कुर्सी जानी तय माना जा रहा था. इसमें कहा जा रहा था कि मोहसिन रजा की कुर्सी ज्यादा खतरे में थी.

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योगी आदित्यनाथ तो मुख्यमंत्री हैं, तो ऐसे में उनका MLC बनना तय था. इसके अलावा केशव मौर्य और दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम हैं.  दिनेश शर्मा  अमित शाह और मोदी के करीबी और भरोसेमंद माने जाते हैं. ऐसे में उन्हें भी किसी तरह का कोई खतरा नहीं था. पिछले दिनों लखनऊ दौरे पर आए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि केशव जी को यूपी में मजबूती से राजनीति करनी है. ऐसे में केशव मौर्य भी सेफ जोन में थे.

इसके बाद सिर्फ दो नाम बचते हैं, स्वतंत्रदेव सिंह और योगी सरकार में एकलौते मुस्लिम चेहरा मोहसिन रजा. इनमें से किसी एक को मंत्री पद त्यागना पड़ता. स्वतंत्र देव सिंह RSS के बैकग्राउंड और पार्टी संगठन से आते हैं. इतना ही नहीं यूपी में नरेंद्र मोदी की जो भी रैली होती हैं, उनकी देखभाल की जिम्मेदारी स्वतंत्र देव ही उठाते रहे हैं. ऐसे में उन्हें भी किसी तरह का कोई खतरा नहीं था.

खतरे में थी मोहसिन रजा की कुर्सी

योगी सरकार के पांच मंत्रियों में से मोहसिन रजा ही ऐसे मंत्री हैं, जिनकी कुर्सी जानी लगभग तय मानी जा रही थी.  लेकिन चुनाव आयोग ने बाद को अपने फैसले को बदलते हुए जयवीर सिहं की रिक्त हुई सीट पर भी चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी है. इससे अब साफ है कि योगी सरकार के पांचों मंत्री सेफ जोन में हैं, अब किसी भी मंत्री को अपनी कुर्सी नहीं त्यागनी पड़ेगी.

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