
महाराष्ट्र के मुंबई शहर के दादर इलाके में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच भयंकर झड़प हुई है. इस वजह से इलाके में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. यह वारदात तब हुई जब कांग्रेस कार्यकर्ता दादर स्टेशन के बाहर फेरी वालों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे. आरोप है कि इसी दौरान MNS कार्यकर्ताओं ने उनपर हमला कर दिया. इसके बाद दोनों गुटों में जमकर मारपीट हुई.
आपको बता दें कि मुम्बई में राज ठाकरे की पार्टी मनसे के कार्यकर्ताओं ने कुछ दिन पहले मानखुर्द रेलवे स्टेशन के बाहर फेरीवाले की दुकानों को तोड़ दिया था. इसी घटना के विरोध में और फेरीवालों के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रोटेस्ट कर रहे थे.
मनसे द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला करने के बाद पुलिस ने भी एक्शन लिया. पुलिस ने लाठीचार्ज कर मामले को शांत किया. इसके पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मनसे के कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया. हालांकि इसके बावजूद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
आपको बता दें कि एलिफिस्टन भगदड़ हादसे के बाद राज ठाकरे ने रेलवे को 15 दिनों में हॉकर्स हटाने की धमकी देते हुए कहा था कि ऐसा नहीं हुआ तो उनके कार्यकर्ता हटाएंगे. इसके बाद ही 26 अक्टूबर को गुरुवार को देर शाम 8 बजे के करीब एमएनएस कार्यकर्ताओं ने कानून अपने हाथ में लेकर फेरीवालों के साथ मारपीट की. खासकर उत्तर भारत के फेरीवालों की पिटाई के बाद उनका सामान भी फेंक दिया था. इस घटना के बाद ट्रोम्बे पुलिस ने 11 मनसे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. हालांकि इसके बावजूद मनसे कार्यकर्ताओं ने मुम्बई पुलिस को धमकी दे डाली थी कि 2 दिनों बाद दूसरे रेलवे स्टेशन के बाहर भी बैठे हॉकर्स को हटाएंगे, क्योंकि ये आदेश राज ठाकरे के हैं.
इससे पहले मनसे कार्यकर्ताओं 23 अक्टूबर को ने मुंबई के सांताक्रूज़ इलाके में अवैध हॉकर्स (फेरीवालों) पर हमला बोला था. रेलवे परिसर के पास फेरीवालों को ज़बरदस्ती हटाने की कोशिश की थी. उस दौरान पुलिस पहुंची तो कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ भी बदतमीजी की. मनसे कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर फेरीवालों से हफ्ता लेने का आरोप लगाया था. इस मामले में मुंबई पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया था.
इससे पहले 5 अक्टूबर को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने एक संताप मोर्चा का आयोजन किया था. इस आयोजन में उन्होंने बीएमसी और रेलवे प्रशासन को 15 दिनों के अंदर फेरीवालों पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया था.