
राजस्थान के अलवर में रकबर खान के साथ हुई मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर वामपंथी नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने मॉब लिंचिंग को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का हिस्सा करार दिया है.
दरअसल दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट पर बंगाल और त्रिपुरा में वामपंथी कार्यकर्ताओं की कथित हत्या और उनके खिलाफ हो रहे हमलों के आरोप में इकट्ठा हुए वामपंथी नेताओं ने मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर केंद्र और राज्यों की बीजेपी की सरकारों पर निशाना साधा है.
आजतक से बातचीत के दौरान येचुरी ने मॉब लिंचिंग की घटना के लिए BJP और RSS को कटघरे मे खड़ा करते हुए कहा है कि जिस तरीके का माहौल RSS और भाजपा ने पैदा किया है और जिस तरीके की प्राइवेट आर्मी आज चल रही हैं, वह बिना सरकार के प्रोत्साहन के संभव नहीं है.
रकबर खान के साथ अलवर में हुई घटना का जिक्र करते हुए सीताराम येचुरी ने कहा कि इससे पहले पहलू खान की हत्या हुई और अब रकबर खान लेकिन इन दोनों हत्याओं के बीच 46 बेकसूर दलितों और मुसलमानों की 12 राज्यों में हत्या की गई है. येचूरी का आरोप है कि यह बिना RSS और BJP के प्रोत्साहन के संभव नहीं है.
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन में प्रधानमंत्री के भाषण पर सवाल उठाते हुए सीपीएम महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री के डेढ़ घंटे के भाषण में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मॉब लिंचिंग की घटनाओं का एक बार भी जिक्र नहीं आया, इससे पता चलता है कि इन वारदातों के लिए प्रोत्साहन उन्ही की तरफ से आ रहा है.
वहीं सीपीआई सांसद डी राजा ने आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार द्वारा बीफ को मॉब लिंचिंग के लिए जिम्मेदार ठहराया जाने पर RSS और BJP की कड़े शब्दों में निंदा की है. डी राजा ने पूछा है कि RSS यह बताने वाली कौन होती है कि हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं ? सीपीआई सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की संसद से छुट्टी पर भी सवाल उठाए और कहा कि दोनों को मॉब लिंचिंग की घटना पर अपना पक्ष साफ करना चाहिए.
वहीं बीफ को मॉब लिंचिंग के लिए जिम्मेदार ठहराया जाने के बयान पर सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भी कहा कि यह सब बहाने हैं और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहते हैं. येचुरी का आरोप है कि देश की आजादी से लेकर अब तक इस तरीके से वोट बैंक राजनीति नहीं देखी गई.