
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर केन्द्र सरकार कई तरफ से हमले झेल रही है. कई राज्यों के नेता इसके खिलाफ मुखर आवाज उठा रहे हैं. लेकिन अब देखें तो ऐसा लग रहा है कि सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी रणनीति बदल दी है. प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान भी इस बात की तस्दीक करते हैं.
बीजेपी नेताओं के बदले तेवर से अब ऐसा महसूस हो रहा है कि सरकार ने अपनी रणनीति बदल ली है और उन लोगों पर निशाना साधा जा रहा है जो अब तक चल रहे प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे थे, या फिर इन मुद्दों का मुखर विरोध कर रहे थे. केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी नेताओं ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को 'अर्बन नक्सल' या 'टुकड़-टुकड़े गैंग' कह कर टारगेट करना शुरू कर दिया है.
पीएम मोदी ने कहा था- अर्बन नक्सल अफवाहों को दे रहे हैं अंजाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली की थी. पीएम मोदी ने कहा था कि अर्बन नक्सल के जरिए एनआरसी के मुद्दे पर मुसलमानों में अफवाह फैलाई जा रही है. कई ऐसे भी पढ़े-लिखे लोग हैं जिन्हें एनआरसी के बारे में पूरी जानकारी भी नहीं है और ऐसे लोग भ्रम फैला रहे हैं.
रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा था कि सिर्फ कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर वाली अफवाहें सरासर झूठ हैं, बद-इरादे वाली है, देश को तबाह करने के नापाक इरादों से भरी पड़ी हैं– ये झूठ है, झूठ है, झूठ है.
मोदी ने कहा था कि शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े लिखे नक्सली- अर्बन नक्सली ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा. मैं हैरान हूं कि पढ़े लिखे लोग भी पूछ रहे हैं कि ये डिटेंशन सेंटर क्या है. झूठ चलाया जा रहा है. एक बार पढ़ तो लीजिए कि संविधान संशोधन और एनआरसी क्या है. कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा चलाई गई अफवाह सरासर झूठ है, देश को तबाह करने वाले नापाक इरादों से भरी पड़ी है.
शाह बोले- 'टुकड़े-टुकड़े' गिरोह को हराने का समय आ गया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को विपक्ष पर नागरिकता संशोधन एक्ट पर भ्रम पैदा करने और लोगों को गुमराह करके माहौल खराब करने का आरोप लगाया था. शाह ने संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने वाले वामपंथी बुद्धिजीवियों पर निशाना साधते हुए कहा था कि अब 'टुकड़े-टुकड़े' गिरोह को हराने का समय आ गया है.
शाह ने कहा था, 'नागरिकता संशोधन कानून पर विपक्ष ने दिल्ली की जनता को गुमराह कर, दिल्ली की शांति को भंग किया है. कांग्रेस के नेतृत्व में टुकड़े- टुकड़े गैंग, जो दिल्ली की अशांति के लिए जिम्मेदार है, उसे दिल्ली की जनता ने दंड देना चाहिए.'
गिरिराज बोले- ये लोग भारत को बांटना चाहते हैं
मीडिया से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने गुरुवार को कहा था , "जो मुगलों और अंग्रेजों से नहीं हो सका, वही राहुल गांधी, कांग्रेस, टुकड़े-टुकड़े गैंग और औवेसी करना चाहते हैं. ये लोग भारत को बांटना चाहते हैं. ये लोग भारत में गृह-युद्ध चाहते हैं."
सरकार ने रखना शुरू किया अपना पक्ष
दिल्ली से लेकर मुंबई तक चल रहे विरोध प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए अब सरकार ने भी जनता के बीच अपना पक्ष रखने का फैसला किया है. यही वजह है कि शुक्रवार को कई केंद्रीय मंत्री देश के विभिन्न हिस्सों में प्रेस वार्ता करने जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बीजेपी नागरिकता कानून को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है.
इसके साथ ही सरकार के शीर्ष मंत्रियों के बयानों से साफ है कि आंदोलन को बढ़ने से रोकने के लिए उन लोगों को निशाने पर लिया जाएगा जो प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से इसका नेतृत्व कर रहे हैं या इसकी रणनीति तैयार कर रहे हैं. इससे पहले भी भीमा-कोरेगांव हिंसा और दलितों के आंदोलन के बाद सरकार 'अर्बन नक्सल' कहकर ऐसे ही लोगों को निशाने पर ले चुकी है. इनमें सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंजाल्वेस, गौतम नवलखा, अरुण फरेरा, रोना विल्सन, शोमा सेन, सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत, वरवारा राव और सुधीर धवले समेत कई लोग शामिल हैं. सरकार की यह रणनीति कारगर साबित भी हुई थी. विरोध के बावजूद इन लोगों पर जांच एजेंसियों की पकड़ ढीली नहीं होने दी गई थी.