
राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार नए साल में जनवरी से मार्च के दौरान 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना पर काम कर रही है. यह कदम केन्द्र सरकार द्वारा राजकोषीय घाटा का लक्ष्य चूकने की स्थिति साफ होने के कारण उठाया जा रहा है.
केन्द्र सरकार का मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 3.2 फीसदी का राजकोषीय घाटा का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही तक केन्द्र सरकार 3.72 लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है.
जनवरी के दौरान इस अतिरिक्त कर्ज के लिए केन्द्र सरकार जनवरी के पहले हफ्ते के दौरान गिल्ट बॉन्ड के जरिए 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने पर फैसले ले सकती है. कर्ज के जरिए अपना राजकोषीय घाटा पाटने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान टैक्स एकत्र करने और रेवेन्यू पैदा करने के लक्ष्य में विफलता को माना जा रहा है. कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स से आमदनी में केन्द्र सरकार को लगभग 55 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है.
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गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स में 20 हजार करोड़ और इनडायरेक्ट टैक्स के जरिए कमाई में 25-35 हजार करोड़ रुपये की कमी का अनुमान लगाया है.
जीएसटी से कमाई ने दिया झटका
जीएसटी संग्रह में लगातार दूसरे महीने गिरावट आयी और नवंबर में यह घटकर महज 80,808 करोड़ रुपये रहा. इससे पूर्व महीने में यह 83,000 करोड़ रुपये था. वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार कुल जीएसटी संग्रह 25 दिसंबर तक 80,808 करोड़ रुपये रहा.
नवंबर के दौरान कुल 53.06 लाख रिटर्न भरे गये. जीएसटी क्रियान्वयन के पांचवें महीने में कुल 80,808 करोड़ रुपये में से 7,798 करोड़ रुपये मुआवजा उपकर के रूप में आया. महीने के दौरान 13,089 करोड़ रुपये केंद्रीय जीएसटी सीजीएसटी, 18,650 करोड़ रुपये राज्य जीएसटी तथा 41,270 करोड़ रुपये एकीकृत माल एवं सेवा कर आईजीएसटी के रूप में आया.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक माह के दौरान आईजीएसटी केड्रिट से केंद्रीय और राज्य स्तरीय जीएसटी के भुगतान के परस्पर समायोजन के तहत 10,348 करोड़ रुपये आईजीएसटी से सीजीएसटी खाते तथा 14,488 करोड़ रुपये आईजीएसटी से एसजीएसटी खाते में भेजे हस्तांतरित किए जा रहे हैं.