
पूर्वांचल में पिछले कई सालों में जापानी बुखार के चलते 10 हजार लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें अधिकतर कम उम्र बच्चे ही रहे. योगी आदित्यनाथ खुद इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक उठाते रहे. जिसके चलते 2011 में यूपीए सरकार ने संसद में इस बात का आश्वासन दिया था कि AES से लड़ने के लिए गोरखपुर में जल्द से जल्द एम्स जैसा संस्थान बनेगा.
2014 में मोदी सरकार के आने के बाद भी पूर्वांचल की इस त्रासदी को रोकने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया. शुक्रवार को जब अचानक बीआरडी कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के चलते एक साथ 30 बच्चों की मौत की खबर आई और उसमें योगी सरकार को घिरता देखा तो आनन-फानन में केन्द्र सरकार हरकत में आई.
केन्द्र सरकार ने घोषणा की है कि गोरखपुर में मेडिकल रिसर्च सेंटर स्थापित करवाएगा. यह सेंटर बच्चों की बीमारियों पर रिसर्च करेगा और उन बीमारियों से लड़ने के लिए टीकों को विकसित करेगा. अपने गोरखपुर दौरे के वक्त केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने रविवार को इस बात की घोषणा की. उन्होंने कहा कि रिसर्च सेंटर बनाने के लिए केन्द्र सरकार 85 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
अभी कुछ और साल नहीं सुधरने वाले हालात
मोदी सरकार ने 2016 में 750 बेड वाले एम्स अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दी थी और साथ ही साथ जुलाई 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद उसकी नींव रखी थी. लेकिन एम्स 2019 से पहले बनने की हालात में नहीं है. ऐसे में बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही है जो पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और नेपाल के तराई इलाकों के तकरीबन 10 करोड़ लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवा रहा है.