Advertisement

रद्द कोल ब्‍लॉकों के आवंटन के लिए लोकसभा में विधेयक पेश

केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए गए कोयला खदानों का आवंटन शुरू करने के लिए लोकसभा में विधेयक पेश किया. कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक 2014 एक अध्यादेश की जगह लेगा, जिसमें रद्द कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया का विवरण शामिल है.

symbolic image symbolic image
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 11 दिसंबर 2014,
  • अपडेटेड 9:40 AM IST

केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए गए कोयला खदानों का आवंटन शुरू करने के लिए लोकसभा में विधेयक पेश किया. कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक 2014 एक अध्यादेश की जगह लेगा, जिसमें रद्द कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया का विवरण शामिल है.

केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने भारी विरोध के बीच विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह कोयला खदान के निजीकरण की कोशिश नहीं है. टीएमसी सांसद सौगत राय ने विधेयक पेश किए जाने का यह कहकर विरोध किया कि इससे कोयला खदानों के निजीकरण का रास्ता खुल जाएगा. उन्होंने कहा, 'यह कोयला खदान राष्ट्रीयकरण अधिनियम-1975 को निष्प्रभावी करने की कोशिश है. इससे देश का ऊर्जा क्षेत्र निजी हाथों में चला जाएगा और कोयला खदानों का अनुचित दोहन होगा.'

Advertisement

बाद में राय और वामपंथी सदस्यों के आरोपों का जवाब देते हुए गोयल ने कहा, 'विधेयक में कोयला खदानों का निजीकरण करने की कोशिश नहीं की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने स्क्रीनिंग कमेटी के जरिए कोयला ब्लॉकों के आवंटन को स्वेच्छाचारिता बताया है. इसके कुछ निश्चित परिणामों के कारण ब्लॉकों का आवंटन रद्द किया गया.'

जरूरी है कि सरकार कदम बढ़ाए
गोयल ने आगे कहा कि उस समय इस समस्या से पूरा देश प्रभावित हुआ था और यह डर पैदा हुआ था कि इसके कारण कोयला उत्पादन घट जाएगा और लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. ऐसे में यह जरूरी हो गया कि सरकार आगे बढ़कर कदम उठाए. विधेयक में कहा गया है कि यह कोयला खदानों का आवंटन और भूमि व खदान अवसंरचना पर अधिकार के साथ ही खनन का पट्टा सफल बोलीदाता और आवंटी को पारदर्शी बोली प्रक्रिया के जरिए दिए जाने का प्रावधान करता है. इससे खदान संचालन और कोयला उत्पादन जारी रहेगा.

Advertisement

कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने बीते सप्ताह कहा था कि बोली प्रक्रिया 22 दिसंबर को निविदा दस्तावेज जारी होते ही शुरू हो जाएगी. उन्होंने कोयला ब्लॉक नीलामी को एक ऐतिहासिक घटना बताया था. केंद्र सरकार 18 और कोयला ब्लॉकों की नीलामी या आवंटन करेगी, जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 12 करोड़ टन होगी.

पहले दौर की नीलामी सूची में 74 ब्लॉक पहले ही शामिल कर लिए गए थे. लेकिन ये मांग को पूरा करने के लिए नाकाफी थे, इसलिए 18 और ब्लॉकों को इस दौर में शामिल किया गया है. इस तरह से कुल 92 ब्लॉकों की पहले दौर में नीलामी होगी. इसमें से 57 ब्लॉक बिजली कंपनियों को आवंटित या नीलाम किए जाएंगे. शेष इस्पात और सीमेंट जैसे उद्योग को दिए जाएंगे. बिजली कंपनियों को दिए जाने वाले 57 ब्लॉकों में से 23 ब्लॉक राज्यों को आवंटित किए जाएंगे और शेष की नीलामी की जाएगी.

-इनपुट IANS

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement