
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वादे के मुताबिक दिवाली के दिन भी छुट्टी नहीं ली और जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों से मिले. कश्मीर को समझने के लिए नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में भयानक बाढ़ से प्रभावित समाज के अलग-अलग तबकों से दिवाली पर मुलाकात की.
प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने के अलावा प्रधानमंत्री ने फल व केसर उत्पादक संघ, होटलकर्मियों, हाउसबोर्ट के मालिकों, ट्रावेल एजेंट, एनजीओ, सामाजिक संगठनों, स्कूलों, ट्रांसपोटर, शिक्षाविदों और व्यापारी निकायों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ मुलाकात की. उन्होंने व्यापारियों से चौपट हुए धंधों का हाल जाना. फल व केसर उत्पादक संघ ने बाढ़ में फसल की तबाही के बारे में प्रधानमंत्री को बताया.
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली तथा देश के दूसरे हिस्से में डीलर फल को सही कीमत पर नहीं खरीद रहे हैं. केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, 'उन्होंने सेब, केसर और दूसरी पैदावार बेचने, फसल बीमा, कोल्ड स्टोरेज तथा कोल्ड चेन सुविधा, पैदावार को बाजार तक ले जाने में सब्सिडी तथा बैंक कर्ज के पुन: भुगतान में सहयोग का आग्रह किया.' व्यापारियों ने मांग की कि उनके बीमा संबंधी दावे का जल्द निवारण हो तथा 10 साल तक कर में राहत मिले. इससे पहले मोदी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की. बाढ़ में क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए 570 करोड़ का मुआवजा देने की भी घोषणा की गई.