PM मोदी ने दी अपने मंत्रियों को नसीहत, कहा- संसद न चले तब भी अपने काम पर करें फोकस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रियों से कहा कि सरकार जो कुछ कर रही है, उसे लेकर आशावादी रहें और विपक्ष के हमलों से प्रभावित नहीं हों जो झूठ पर आधारित अभियान चला रहा है.

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पंकज श्रीवास्तव/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के साथ देर रात तक चली बैठक में कहा कि वो अपना काम करें विपक्ष की बातों पर गौर न करें. रणनीति के मुताबिक राजग सरकार के मंत्री जनवरी से पूरे देश में जाकर संसद में कामकाज रोकने के विपक्ष के तौर-तरीकों के बारे में लोगों को बताएंगे जिनकी वजह से कई विधेयक अटके हुए हैं. वे लोगों को बताएंगे कि सरकार गरीबों के लिए क्या क्या काम कर रही है और क्या उपलब्धियां हासिल कर रही है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रियों से कहा कि सरकार जो कुछ कर रही है, उसे लेकर आशावादी रहें और विपक्ष के हमलों से प्रभावित नहीं हों जो झूठ पर आधारित अभियान चला रहा है.

करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों से सरकार के कामकाज के बारे में संदेश लोगों तक पहुंचाने और उनसे बेहतर संपर्क साधने की चुनौती स्वीकारने को कहा.

समय-समय पर समीक्षा करने को कहा
विस्तृत योजना बाद में तैयार की जाएगी लेकिन मंत्रियों से जनवरी के दूसरे सप्ताह से संसदीय क्षेत्रों में दौरे शुरू करने और उनके लिए निर्धारित क्षेत्रों में कम से कम 30 मिनट बिताने को कहा गया है. प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से उनके विभागों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा करने को कहा और कामकाज का प्रदर्शन बढ़ाने एवं सरकार की छवि सुधाने के लिए नये नये विचारों को लाने की जरूरत पर जोर दिया.

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भागीदारी बढ़ानी चाहिए
मोदी की राय थी कि केंद्र सरकार की योजनाओं के लिए बजट तैयार करने में लोगों की भागीदारी बढ़ानी चाहिए और ऐसा नहीं हो कि वित्तीय वर्ष खत्म होने के कगार पर आने पर धन खर्च करने को लेकर गहमागहमी की स्थिति बने. यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक मंत्री दो संसदीय क्षेत्रों का दौरा करेंगे और लोगों को बताएंगे कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से सरकार ने आम आदमी के हित में क्या फैसले लिये हैं.

सच्चाई बताने पर ध्यान केंद्रित करे
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री चाहते हैं कि सरकार की उपलब्धियों को यथासंभव साधारण भाषा में जनता तक पहुंचाया जाए. बैठक में आम राय थी कि 23 दिसंबर को शीतकालीन सत्र समाप्त होने वाला है और अब समय आ गया है कि सरकार संसद के बाहर विपक्ष के बारे में लोगों को सच्चाई बताने पर ध्यान केंद्रित करे. यह राय इन संकेतों के बीच आई है कि सरकार शीतकालीन सत्र में जीएसटी विधेयक पारित नहीं करा पाएगी जहां कांग्रेस नेशनल हेराल्ड मामले और अन्य विषयों पर संसद में कामकाज बाधित कर रही है. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि राजग सरकार ने देश के लिए काफी काम किया है इसलिए उन्हें आत्मविश्वास बनाये रखना चाहिए. प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से गरीबों के लिए काम करने और योजनाओं के माध्यम से उनका ख्याल रखने को भी कहा.

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समझा जाता है कि मोदी ने कहा, ‘सरकार को गरीबों के लिए काम करना होगा. वे आपके साथ खड़े रहेंगे. सरकार को इस तरह से देखा जाए कि वह गरीबों का ख्याल रखने वाली है.’ बैठक में लोजपा के रामविलास पासवान और आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा जैसे गठबंधन सहयोगी दलों के नेताओं समेत राजग के सभी मंत्री उपस्थित थे. राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडू और मनोहर पर्रिकर जैसे वरिष्ठ भाजपाई मंत्रियों ने भी बैठक में शिरकत की. हालांकि अरण जेटली बैठक में मौजूद नहीं थे जिन पर डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए हैं. मोदी ने मंत्रियों से पार्टी कार्यकर्ताओं से संपर्क में रहने को और हर सप्ताहांत में उनसे मिलने को कहा. मोदी सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र पूर्वोत्तर के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से इन राज्यों में लगातार दौरे करने और क्षेत्र के विकास के लिए सुझाव लाने को कहा.

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