
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के लिए खास तौर से रखवाई गई गंगा आरती के लिए घाट की सफाई करवाई गई थी. विशेष सुरक्षा समूह के कर्मचारियों ने विश्वंभर नाथ मिश्रा के वीआईपी पास को अनदेखा कर प्रवेश के लिए आम गेट से आने को कहा. मिश्रा प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर के महंत हैं जिन्होंने सुरक्षा कर्मियों की बात से अपमानित महसूस किया.
अधिकारियों को हुआ गलती का एहसास
हालांकि अधिकारियों को जल्द ही अपनी गलती का एहसास हुआ और उसे सुधारने की कोशिश की गई. लेकिन इस लापरवाही पर मिश्रा काफी नाराज हुए. जिसके बाद उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें भोज के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया था. जिसका इस घटना के बाद उन्होंने बहिष्कार किया.
मोदी पर बरसे मिश्रा
मिश्रा का कहना था, 'अगर आप कार्यक्रम का प्रबंध ठीक से नहीं कर सकते तो गंगा और वाराणसी की समस्याओं का समाधान क्या करेंगे.' उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के गंगा सफाई अभियान को कॉस्मैटिक बताया. ये भी कहा कि इसका कोई इंजीनियरिंग समाधान नहीं किया जा रहा है.
मिश्रा ने ये भी कहा कि अगर मोदी वाराणसी के हालात का निष्पक्ष आंकलन करना चाहते हैं तो उन्हें आबे को टूटी सड़कों और गंदे नालों को दिखाना चाहिए था, न कि आरती.