
देश में मोदी सरकार को बने हुए 3 साल 26 मई को पूरे होने वाले हैं. लेकिन मंत्रियों को सरकार की तीसरी सालगिरह मनाने से पहले खासी मशक्कत करनी होगी. इससे पहले उन्हें अपने मंत्रालय की 5-5 उपलब्धियों की सूची तैयार करनी होगी. इन उपलब्धियों के तहत मंत्रियों को उन खास सुधारों का जिक्र करना होगा जिनसे आम जनता को फायदा पहुंचा हो. साथ ही तुलनात्मक आंकड़े देने होंगे जिनसे पता चले कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद कितना विकास किया गया है.
वहीं, इसी हफ्ते सभी मंत्रालयों को भेजे गये एक पत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने सभी मंत्रियों को उपलब्धियों के आंकड़े उनके पास जमा कराने का निर्देश दिया है. सरकार की योजना है कि 26 मई के पहले इन सभी उपलब्धियों को एक पुस्तक की शक्ल दे दी जाएं. 3 साल पहले इसी दिन प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ ग्रहण की थी.
नायडू के भेजे गऐ पत्र के मुताबिक केवल बुलेट फॉर्म में 3 पेज का नोट बनाने को कहा गया है. इस नोट में 5 प्वाइंट कवर पर होने चाहिए-
1. मंत्रालय की 5 बड़ी उपलब्धियां जिनसे जनता को फायदा पहुंचा हो या जिनको जनता से प्रशंसा मिली हो.
2. मंत्रालय के खास-खास परफॉर्मेंस एरिया.
3. 2014 से 2017 के आंकड़ों की स्थिति की तुलना में हो, जैसे कि 2014 में कितने बिजली कनेक्शन थे और 2017 में कितने हैं.
4. मंत्रालय द्वारा लाये गये 3 सुधार, जैसे- प्रक्रिया, नीतियां, कार्यशैली, कार्यक्रम वगैरह.
5. एक-एक पैराग्राफ में सफलता की 2 सर्वश्रेष्ठ कहानियां.
गौरतलब है कि इससे पहले 21 मार्च के एक लैटर में नायडू ने मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लोगों से उन सकारात्मक बदलावों पर बात करने के निर्देश दिये थे जो वर्तमान NDA सरकार के कार्यकाल से जुड़े हैं. नायडू कहते हैं कि देश की जनता का भरोसा स्पष्ट तौर पर बीजेपी और मोदी के पक्ष में है. हम लोग मोदी सरकार का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करते हैं.
लैटर के मुताबिक सरकार ने उन मंत्रियों की सूची तैयार की है जो विशेष मुद्दों पर नोट तैयार करेंगे. केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर से प्रधानमंत्री मोदी के विदेशी दौरों, उनके नतीजों और देश में विदेशी निवेश में दर्ज की गई बढ़त पर नोट तैयार करने को कहा गया है.
वहीं, सांसद स्वपन दासगुप्ता और चंदन मित्रा को बौद्धिक संभाषण पर नोट तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है. इस नोट में कम रोजगार निर्माण और अभिव्यक्ति की आजादी पर कथित खतरों जैसे मुद्दों के जवाब भी शामिल होंगे.