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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने एक बार फिर सुरक्षा को लेकर जानकारी मांगी है. जसोदाबेन ने मेहसाणा जिला पुलिस से पहले भी आरटीआई के तहत जानकारी मांगी, लेकिन पुलिस ने उन्हें जानकारी देने से इनकार कर दिया था. गुजरात पुलिस का कहना है कि उन्हें दी जाने वाली सुरक्षा से संबंधित सवाल स्थानीय खुफिया ब्यूरो से संबंधित हैं, जिनके जवाब देना आरटीआई कानून के तहत अनिवार्य नहीं है.
जशोदाबेन ने मेहसाणा जिला पुलिस अधीक्षक से जानकारी के लिए दोबारा अनुरोध 30 दिसंबर को किया था. इसमें उन्होंने लिखा, 'मैं भारत के प्रधानमंत्री की पत्नी हूं..मैंने आदेश की प्रति (जसोदाबेन की सुरक्षा से संबंधित) मांगी थी, जो स्थानीय खुफिया ब्यूरो से संबंधित नहीं है, इसलिए मैं उन आदेशों की प्रति हासिल करने की मांग करती हूं.’
उन्होंने अपील में कहा, 'मुझे पहले जो जवाब भेजा गया था, उसमें सूचना नहीं दिए के कारणों का जिक्र ही नहीं था. मैं प्रधानमंत्री की पत्नी हूं लिहाजा आरटीआई के तहत दी जाने वाली सूचना किसी के हस्तक्षेप के कारण मुझे नहीं दी गई.'
जशोदाबेन ने राज्य के गृह विभाग के उस आदेश की प्रति भी मांगी, जिसमें स्थानीय खुफिया ब्यूरो से जुड़ी सूचनाओं को आरटीआई के तहत नहीं दिए जाने की छूट दी गई है, जैसा कि मेहसाणा पुलिस ने दावा किया है. मेहसाणा जिला पुलिस ने 27 दिसंबर को जसोदाबेन को आरटीआई के तहत सूचना देने से इनकार कर दिया था.
जशोदाबेन को दिये गये जवाब में महेसाणा पुलिस की उपाधीक्षक एवं जन सूचना अधिकारी भक्ति ठकार ने कहा था, ‘आप द्वारा मांगी गयी जानकारी एलआईबी से संबंधित है. गुजरात विभग के प्रस्ताव संख्या 1:1020018201:जीओआई:62, दिनांक 25 नवंबर के तहत एलआईबी को आरटीआई कानून के तहत छूट है लिहाजा मांगी गयी सूचना आपको नहीं दी जा सकती.’
महेसाणा पुलिस के समक्ष 24 नवंबर को दाखिल आरटीआई आवेदन में जशोदाबेन ने प्रोटोकाल के तहत उन्हें दिये गये सुरक्षा कवर से संबंधित विभिन्न दस्तावेज मांगे थे जिनमें उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के सरकार द्वारा दिये गये वास्तविक आदेश की प्रमाणित प्रति शामिल है. उन्होंने प्रधानमंत्री की पत्नी को दी जाने वाली सुरक्षा कवर से संबंधित कानून एवं भारतीय संविधान के संबंधित प्रावधानों के बारे में भी जानकारी मांगी थी.
जशोदाबेन ने सरकार से कहा है कि वह प्रोटोकाल की परिभाषा बताये और इसके तहत क्या बातें शामिल हैं तथा प्रोटोकाल के तहत वह किन अन्य फायदों के लिए हकदार होंगी. उन्होंने अपनी मौजूदा सुरक्षा ढांचे पर अप्रसन्नता जतायी है कि जिसमें उनके रक्षक कार जैसे सरकारी वाहनों पर चलते हैं जबकि प्रधानमंत्री की पत्नी होने के बावजूद उन्हें सार्वजनिक परिवहन पर चलना पड़ रहा है.
इसके अलावा जशोदाबेन ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके खुद के सुरक्षाकर्मियों ने की थी. वह सुरक्षा कर्मियों द्वारा उनकी रक्षा किये जाने को लेकर भयभीत हैं. उन्होंने सरकार ने कहा कि वह प्रत्येक सुरक्षाकर्मी के लिए तैनाती के आदेश पेश करने को अनिवार्य बनाये.
जशोदाबेन महेसाणा जिले के उंझा कस्बे में अपने भाई अशोक मोदी के साथ रहती हैं. नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद उन्हें महेसाणा पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की गयी. महेसाणा पुसिस ने सशस्त्र पहरेदारों सहित दस पुलिसकर्मियों को उनकी सुरक्षा में तैनात किया है. वे दो पालियों में काम करते हैं, जिनमें प्रत्येक पाली में पांच सुरक्षा कर्मी होते हैं.
इनपुट- भाषा