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संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान, कहा- अयोध्या में मंदिर बनेगा लेकिन समय बताएगा कब कैसे?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर राम मंदिर का राग अलापा है. बुधवार को कोलकाता में एक सभा को संबोधि‍त करते हुए उन्होंने कहा कि अगर भव्य मंदिर बनाना है तो बलिदान की तैयारी भी रखनी होगी.

संघ प्रमुख मोहन भागवत की फाइल फोटो संघ प्रमुख मोहन भागवत की फाइल फोटो
स्‍वपनल सोनल
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  • 02 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर राम मंदिर का राग अलापा है. बुधवार को कोलकाता में एक सभा को संबोधि‍त करते हुए उन्होंने कहा कि अगर भव्य मंदिर बनाना है तो बलिदान देने की तैयारी भी रखनी होगी. हालांकि, मंदिर निर्माण के समय को लेकर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया.

भागवत ने कहा, 'मंदिर बनना है . कब कैसे अवसर आएगा आज कोई नहीं बता सकता. लेकिन कब, कैसे कितनी तैयारी रखनी पड़ेगी, आपके सामने जीवन है. जो जीवन हंसते-हंसते चल रहे हैं वो भी हैं. हमें जीवन देने की तैयारी रखनी होगी. ये करेंगे तो भव्य मंदिर बनेगा. हम भारत की भूमि से सारी पृथ्वी को शि‍क्षा देंगे.'

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यही नहीं उन्होंने संघ के संदेश और मंदिर निर्माण के विचार को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने की भी बात‍ की. संघ प्रमुख ने आगे कहा, 'हमें यह अपनी आने वाली पीढ़ी को भी बताना है. उन तक हमें हमारी बात और विचार को पहुंचाना है.'

गौरतलब है कि इससे पहले वीएचपी नेता अशोक सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में भी मोहन भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा उठाया था. उन्होंने त‍ब कहा था कि अशोक सिंघल को असली श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है, जब मंदिर का निर्माण होगा. उन्होंने हिंदुत्ववादी नेता के सपने को पूरा करने के लिए 'गंभीर प्रयास' करने की भी अपील की थी.

क्या कहा था श्रद्धांजलि सभा में
सिंघल को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए भागवत ने नवंबर महीने में कहा था कि सिंघल दो चीजें पूरी करना चाहते थे. पहला राम जन्मभूमि में राम मंदिर का निर्माण और दूसरा वेदों का प्रसार. उन्होंने कहा, 'इन लक्ष्यों की दिशा में निष्ठापूर्ण कार्य करने से इन्हें पूरा किया जा सकता है. हमें राम मंदिर का निर्माण पूरा करने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे और उनके लिए यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी. अशोकजी की भावना इस कार्य में हमारा मार्गदर्शन करेगी. हमें अशोकजी के दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ना और काम करना है और उम्मीद है कि आगामी वर्षों में हम राम मंदिर निर्माण का उनका सपना पूरा करने की दिशा में काम करेंगे.'

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