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मौद्रिक नीति जस की तस रख सकता है आरबीआई : बोफा-एमएल

बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच 'बोफा एमएल' का मानना है कि रिजर्व बैंक प्रमुख रघुराम राजन जुलाई के दौरान हुई कम बारिश के चलते 4 अगस्त को अपनी तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कोई परिवर्तन न करें.

Raghuram Rajan Raghuram Rajan
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 12:17 AM IST

बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच 'बोफा एमएल' का अनुमान है कि रिजर्व बैंक कम बारिश को ध्यान में रखते हुए 4 अगस्त को अपनी तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाए रख सकता है.

हालांकि 2016 की शुरुआत में वह नीतिगत दर में आधा प्रतिशत की कटौती कर सकता है. वित्तीय सेवाएं देने वाली वैश्विक कंपनी ने कहा कि यह जरूरी है कि तिलहन, दलहन और कपास की खेती करने वाले पश्चिमी एवं दक्षिणी भारत में बारिश हो क्योंकि मानसून में सुधार के बावजूद यह क्षेत्र सूखे की चपेट में आ रहे हैं. बोफा-एमएल ने एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया है कि अगर आने वाले दो हफ्ते में अच्छी बारिश नहीं होती है तो फसलों को जोखिम हो सकता है. कमजोर मानसून से अस्थायी तौर पर मुद्रास्फीति का जोखिम है.

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इन पांच घरेलू कारणों से रिजर्व बैंक टाल सकता है कटौती
कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक आरबीआई द्वारा अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने की संभावना है.

1. आरबीआई मुद्रास्फीति के और आंकड़े आने का इंतजार करेगा.

2. आरबीआई इसका भी इंतजार करेगा कि पूर्व में हुई कटौती का पूरा फायदा उपभोक्ताओं को पहुंचा या नहीं.

3. थोक और खुदरा महंगाई के आंकड़ों में परस्पर विरोध से मुश्किल हुआ आरबीआई का काम.

4. इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के मई के आंकड़ों में आई गिरावट से नहीं दिख रही मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में तेजी.

5. जुलाई-अगस्त में कमजोर मानसून की भविष्यवाणी से जारी रहेगी आरबीआई की चिंता.

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