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मॉनसून सत्र में इन चेहरों पर रहेगी नजर, सियासी रुख तय करेगा कामकाज

सरकार लगातार सदन को सुचारू ढंग से चलाने की बात कह रही है लेकिन विपक्ष सरकार को घेरने के लिए तैयार है. इस सत्र के दौरान कई ऐसे चेहरे होंगे जिनका रुख सदन के कामकाज की दशा-दिशा तय करेगा.

भारतीय संसद (फोटो- Getty Images) भारतीय संसद (फोटो- Getty Images)
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. इस सत्र में भी बीते बजट सत्र की तरह जोरदार हंगामे के आसार हैं. सरकार लगातार सदन को सुचारू ढंग से चलाने की बात कह रही है लेकिन विपक्ष सरकार को घेरने के लिए तैयार है. इस सत्र के दौरान कई ऐसे चेहरे होंगे जिनका रुख सदन के कामकाज की दशा-दिशा तय करेगा. इन चेहरों पर न केवल सदन की बल्कि पूरे देश की नजरें टिकी होंगी.

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राजनाथ सिंहः गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर देश और विपक्षी दलों की निगाहें जरूर होंगी. उनसे कानून व्यवस्था और लिंचिंग की घटनाओं पर जवाब मांगा जाना तय है. बीते दो महीनों में अफवाहों के चलते मॉब लिंचिंग की 16 घटनाएं हुई हैं जिनमें 22 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

सरकार ने इसके बाद वॉट्सऐप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को चेताया है कि वह ऐसी अफवाहों को रोकने के लिए काम करे. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है और गृहमंत्री से संसद में जवाब देने की मांग जरूर करेगा. वहीं कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं, वहां के सियासी घटनाक्रम को लेकर भी विपक्ष के निशाने पर राजनाथ ही रहने वाले हैं.

राधामोहन सिंहः सत्र से पहले सरकार ने किसानों को तोहफा देते हुए खरीफ की फसलों के एमएसपी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. धान की MSP में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. विपक्ष कभी नहीं चाहेगा कि किसानों को लेकर सरकार अपनी पीठ ठपठपाए, इसलिए किसान कर्जमाफी, फसल बीमा व अन्य समस्याओं को जोर-शोर से उठा सकता है. साथ ही नई एमएसपी को कम बताते हुए किसानों के लिए कुछ अन्य मांगें कर सदन में सरकार को घेर सकता है.

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अरुण जेटलीः वित्त मंत्री अरुण जेटली इस सत्र में शामिल होंगे या नहीं, यह अब तक साफ नहीं है. सेहत खराब होने की वजह से जेटली की जगह पीयूष गोयल को अस्थाई तौर पर वित्त मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है. हालांकि अरुण जेटली अब अस्पताल से छुट्टी ले चुके हैं और लगातार फेसबुक ब्लॉग के जरिए अपनी बात भी कह रहे हैं. लेकिन सदन की कार्यवाही में उनके भाग लेने पर अब भी अटकलें हैं.

जेटली राज्यसभा में नेता सदन हैं ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी एनडीए के खेमे को कमजोर कर सकती है. जेटली सदन में आते हैं तो ये भी सवाल उठेगा कि देश का वित्त मंत्री कौन हैं क्योंकि इस समय ये प्रभार पीयूष गोयल देख रहे हैं.

प्रकाश जावड़ेकरः मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बीते दिनों कई नीतिगत फैसले लेते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं में बदलाव किया है. नीट, जेईई, नेट जैसी परीक्षाओं के लिए नई एजेंसी बनाई गई है. इसके अलावा यूजीसी को खत्म करने, पेपर लीक और परीक्षाओं में धांधली के आरोपों को लेकर छात्रों का गुस्सा भी चरम पर है.

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल छात्र हितों का हवाला देकर सरकार पर छात्रों के प्रति बेरुखी रखने का आरोप लगाते आए हैं. ऐसे में इस सत्र के दौरान विपक्ष जावड़ेकर से इन सभी मुद्दों पर जवाब मांगने की कोशिश करेगा.

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पीयूष गोयलः रेल मंत्री पीयूष गोयल का कद हाल के दिनों में काफी बढ़ा है. कोयला और वित्त मंत्रालय का जिम्मा भी उनके पास ही है. रेल को आधुनिक और सुविधाओं से लैस बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं लाने के दावे कर रही है. इसके विपरीत ट्रेनों की लेट-लतीफी और हादसे अब भी चिंता का विषय बने हुए हैं.

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर भी विरोध के सुर उठ रहे हैं. इस मुद्दों को भुनाने के लिए विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस पार्टी ने पीयूष गोयल पर फर्जीवाड़े का आरोप भी लगाया है और अब सदन में उनसे इन सभी मुद्दों पर जवाब मांगा जाएगा.

सुषमा स्वराजः विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पिछले कुछ दिनों से ट्रोलिंग की वजह से चर्चा में हैं. ट्विटर पर लोगों की दिक्कतें दूर करने वाली सुषमा को इसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रोल किया गया. लखनऊ पासपोर्ट विवाद को लेकर सोशल मीडिया के एक हलके ने ट्विटर पर सुषमा की जमकर आलोचना की, यहां तक कि उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणियां तक की गईं.

विदेश मंत्री के बहाने विपक्ष महिलाओं को निशाने बनाने के इस चलन पर सरकार से जवाब मांग सकता है और खुद सुषमा भी इस मुद्दे पर सदन में अपना पक्ष रख सकती हैं.

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नवनिर्वाचित सांसदः 2014 के चुनाव में आजादी के बाद पहली बार था जब कोई भी मुस्लिम सदस्य लोकसभा में यूपी की ओर से नुमाइंदगी नहीं कर पाया था. हाल ही में हुए उपचुनाव में जीतकर आरएलडी की तबस्सुम हसन लोकसभा पहुंच रही हैं. संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने कैराना उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी और हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को हराया था. इस सत्र के दौरान वह लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण भी करेंगी.

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