
कांग्रेस पार्टी अपनी खोई हुई सियासी जमीन वापस पाने के लिए 2014 से लगातार संघर्ष करती नजर आई है. राहुल गांधी के नेतृत्व में 2019 लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बावजूद लोगों ने राहुल पर ही भरोसा जताया गया है. आजतक के मूड ऑफ द नेशन (MOTN) सर्वे में राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त नेता माने जा रहे हैं.
ये सर्वे आजतक के लिए कार्वी इनसाइट्स लिमिटेड ने किया है. इस सर्वे के मुताबिक, 23 प्रतिशत लोगों को लगता है कि राहुल गांधी ही कांग्रेस नेतृत्व के लिए बेस्ट पर्सन हैं. वहीं, 18 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कांग्रेस की कमान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सौंप देनी चाहिए. सर्वे के मुताबिक, 14-14 फीसदी लोगों ने सोनिया गांधी और प्रियंका को शीर्ष नेतृत्व देने की बात पर सहमति जताई है.
बता दें कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव-2019 में मिली करारी शिकस्त के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन उनका भी कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है. ऐसे में राहुल गांधी को फिर पार्टी की कमान सौंपे जाने की चर्चा तेज है.
97 लोकसभा क्षेत्रों में किया गया सर्वे
आजतक के लिए ये सर्वे कर्वी इनसाइट्स लिमिटेड ने किया, जिसमें 12 हजार 21 लोगों से बात की गई. इनमें से 67 फीसदी ग्रामीण जबकि शेष 33 फीसदी शहरी थे. 19 राज्यों की कुल 97 लोकसभा और 194 विधानसभा सीटों के लोग सर्वे में शामिल किए गए.
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जिन 19 राज्यों में ये सर्वे किया गया उनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. ये सर्वे 15 जुलाई से 27 जुलाई के बीच किया गया. सर्वे में 52 फीसदी पुरुष, 48 फीसदी महिलाएं शामिल थीं.
सर्वे में कौन शामिल हुए?
अगर धर्म के नजरिए से देखा जाए तो 86 फीसदी हिंदू, 9 फीसदी मुस्लिम और 5 फीसदी अन्य धर्मों के लोगों से उनकी राय जानी गई. जिन लोगों पर सर्वे किया गया उनमें 30 फीसदी सवर्ण, 25 फीसदी एससी-एसटी और 44 फीसदी अन्य पिछड़े वर्ग के लोग शामिल थे.
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सर्वे में शामिल 57 फीसदी लोग 10 हजार रुपये महीने से कम की आमदनी वाले थे जबकि 28 फीसदी 10 से 20 हजार रुपये और 15 फीसदी 20 हजार रुपये महीने से ज्यादा कमाने वाले लोग थे. सर्वे के सैंपल में किसान, नौकरीपेशा, बेरोजगार, व्यापारी, छात्र आदि को शामिल किया गया था.